मुंबई, 04 जनवरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश चुनौतियाँ देख पलायन नहीं करता, सामना करता है। सदी के सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान जब प्रवासियों के समक्ष पलायन का संकट आया तो उत्तर प्रदेश ने सबको सहारा दिया। प्रवासी हो या निवासी सबकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई। मुम्बई में उत्तर प्रदेश मूल के लोगों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आज का उत्तर प्रदेश आत्मविश्वास से भरा है और आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर है।
उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का बड़ा लक्ष्य लेकर जारी मुहिम के तहत बुधवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिनी दौरे की शुरुआत प्रवासी उत्तर प्रदेश वासियों के साथ संवाद से की। मुख्यमंत्री को सामने देख उत्साह से भरे प्रवासी जनों से मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 05-06 वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए बदलाव के आप सभी साक्षी रहे हैं। 05 वर्ष पहले जिस उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट था, आज विकास की नई कहानी कह रहा है। आजमगढ़ के लोगों को इसी मुम्बई में धर्मशाला तक नहीं मिलता था, आज उसी आजमगढ़ में एयरपोर्ट और यूनिवर्सिटी बन रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश का युवा अपनी पहचान छिपाने को विवश नहीं है, गौरव के साथ कहता है मैं उत्तर प्रदेश वाला हूँ।
उत्तर प्रदेश के बदलाव के प्रयासों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश ने बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, गरीब और व्यापारी असुरक्षा के संकट से घिरे थे। सरकार गठन के साथ हमने सबसे पहले दो विषयों पर फोकस किया। सबसे पहले बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की और तय किया कि प्रदेश में कोई भी अवैध गतिविधि संचालित नहीं होगी। और फिर, अवैध स्लॉटर हाउस हों या गरीबों के जमीन पर अवैध कब्जे, सब बंद हुए। हमने एंटी भूमाफिया टास्क फ़ोर्स बनाया, अवैध रूप से कब्जा भूमि छुड़ाई गई आज वहां विकास की अनेक परियोजनाएं चल रही हैं। सीएम ने कहा कि जब हमने बेटियों की सुरक्षा के लिए काम किया तो कुछ लोगों ने हमारी सोच पर सवाल खड़े किए, लेकिन जब चुनाव का समय आया तो इन्ही सुरक्षित माताओं-बहनों और बेटियों ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर अपना विश्वास जताया।
05 लाख से ज्यादा नौकरी, एक पर भी सवाल नहीं
साढ़े पांच वर्ष में पांच लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी से जोड़ने की सफलता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने चयन आयोगों में अनावश्यक हस्तक्षेप को बंद किया। उन्हें स्वायत्तता दी लेकिन जवाबदेही भी तय की और परिणाम यह हुआ कि पांच लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी मिली लेकिन एक कि नियुक्ति पर भी सवाल नहीं उठा। हर भर्ती पारदर्शिता और शुचिता के साथ हुई। इससे युवाओं का विश्वास सरकार पर बढ़ा। यही कारण है कि 37 साल बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार दो-तिहाई बहुमत के साथ चुनी गई।
प्रवासी जनों से मुख्यमंत्री ने साझा की बदलाव की कहानी
निवेश के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था और नीतिगत सुधारों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था कि जब उत्तर प्रदेश में हर दूसरे- तीसरे दिन दंगा होता था, आज 05 साल से ज्यादा समय बीत गया, कहीं कोई दंगा नहीं हुआ। कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति से प्रदेश की छवि में व्यापक बदलाव हुआ है। इसी तरह नीतिगत सुधारों के तहत सरकार ने 25 नई औद्योगिक सेक्टोरल पॉलिसी लागू की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में उत्तर प्रदेश सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया है। प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर व ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट-कॉरिडोर का जंक्शन ग्रेटर नोएडा में ही हैं। लखनऊ, वाराणसी एवं कुशीनगर मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा जेवर व अयोध्या में नए हवाई अड्डों के विकसित होने से उत्तर प्रदेश 05 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एकमात्र राज्य बनने जा रहा है। जेवर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डा भारत का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने जा रहा है। इतना ही नहीं, वायुमार्ग की घरेलू कनेक्टिविटी के लिए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत 09 एयरपोर्ट को संचालित भी कर दिया गया है तथा 10 अन्य एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। अपने अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले गोरखपुर से दिल्ली तक केवल एक फ्लाइट थी। आज 14 उड़ानें हैं। आज श्रावस्ती, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़ में भी एयरपोर्ट बन रहे हैं। वाराणसी को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ने वाला देश का पहला इनलैंड वॉटर वे चालू हो गया है। अब इसे प्रयागराज से भी जोड़ने मि योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लैंडलॉक प्रदेश की सीमाओं को समझते हुए हमने अलग नीति के साथ कार्य किया है। माल के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए, हमारी सरकार ड्राई-पोर्ट्स के विकास को बढ़ावा दे रही है और सड़क मार्ग के मामले में तो प्रदेश अन्य राज्यों के लिए रोल-मॉडल के तौर पर उभरा है। उन्होंने कहा कि यूपी का सिंगल विंडो सिस्टम राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है जहां 350 से अधिक एनओसी बड़ी सरलता से मिल रही है। यही नहीं हाल ही में हमने औद्योगिक निवेश के एमओयू की मॉनीटरिंग और निवेशकों को समय से इन्सेंटिव देने के लिए निवेश सारथी पोर्टल भी विकसित किया है। प्रवासी जनों के साथ संवाद के इस खास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी से प्रदेश की बेहतरी के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये।