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ग्राम प्रधान के उन्मुखीरण हेतु आयोजित की गई कार्यशाला

कौशांब। विकास खंड चायल के ग्राम प्रधानों के उन्मुखीरण हेतु चायल ब्लॉक  स्थित डिग्री कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ब्लॉक के समस्त परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, ग्राम प्रधानों आदि के कार्य कौशलों के परिमार्जन हेतु आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि उप शिक्षा निदेशक अनिल कुमार ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराते हुए बताया कि विद्यालय विकास में ग्राम प्रधानों की सकारात्मक भूमिका होती है। वो गांव के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति होते हैं और विद्यालय विकास में उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ करने की प्रेरणा लेकर विद्यालय का कायाकल्प करना है। इसी प्रकार विद्यालयों के प्रधानाध्यापक सेनापति की भूमिका होते हैं जिनके संयुक्त प्रयासों के माध्यम से विद्यालय नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। विद्यालय कायाकल्प की जानकारी प्रदान करते हुए ए0आर0पी0 रमेश सिंह ने बताया कि कायाकल्प में प्रधानों की भूमिका अहम है, विद्यालय को संतृप्त कराने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों एवं प्रधानाध्यापकों की है। ए0 आर0 पी0 विनय सिंह ने डी0बी0टी0 संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।ए0 आर0 पी0 नैना यादव ने निपुण भारत योजना के विषय मे वृहद जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि हमें ब्लॉक को केंद्र बिंदु समझते हुए प्रदेश को निपुण बनाने को संकल्पित होना है। ए0 आर0 पी0 सुधाकर द्विवेदी एवं मनोज मौर्य ने बाकी जानकारियां प्रदान करते हुए संगोष्ठी को गति प्रदान की। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती पूजन एवं वंदना के साथ हुआ एवं बच्चों ने सरस्वती मां का अभिनयात्मक नृत्य प्रस्तुत करते हुए सभी को अपनी योग्यता का परिचय दिया। मुख्य अतिथि के स्वागत में परिषदीय विद्यालय चायल के बच्चों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। आभार ज्ञापन करते हुए  खण्ड शिक्षा अधिकारी चायल ज्योति शुक्ला ने बताया कि ब्लॉक चायल के ग्राम प्रधान निरन्तर अपने अपने गांवों को कायकल्पित करने में प्रयासरत हैं। आप सबके सहयोग से ब्लॉक निःसंदेह निपुण ब्लॉक बनने की ओर अग्रसर है। कार्यक्रम का संचालन जूनियर शिक्षक संघ के अध्यक्ष गुणेश त्रिपाठी एवं रघुनाथ द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में ब्लॉक के अध्यक्ष एवं मंत्री गण समेत सभी विद्यालयों प्रधानाध्यापकों एवम उनके द्वारा शिक्षित नौनिहालों ने अपनी सांस्कृतिक उपस्थिति दर्ज कराई।