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आखिर क्यों पंचायत सहायक पर कार्यवाही करने की जगह पैरवी कर रहे हैं बीडीओ सुनील सिंह ?

आखिर क्यों पंचायत सहायक पर कार्यवाही करने की जगह पैरवी कर रहे हैं बीडीओ सुनील सिंह ??

कार्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर मिल जायेंगे

अनुपस्थिति के सारे सबूत ?

(अमर चेतना न्यूज नेटवर्क)

ऊंचाहार रायबरेली। रोहनिया ब्लाक के ऐहारी बुजुर्ग के पंचायत कार्यालय में ताला लटकाकर नदारद रहने वाली पंचायत सहायक से स्पष्टीकरण मांगने और कार्यवाही करने के बजाय खण्ड विकास अधिकारी सुनील सिंह पंचायत सहायक की पैरवी कर रहे हैं और गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। बीडीओ सुनील सिंह कह रहे हैं की किसी दिन कहीं चली गई होगी। क्या पंचायत सहायक कहा गई होगी इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को देना मुनासिब नहीं समझा , अगर सूचना देकर गई तो बीडीओ साहब बेतुका बयान क्यों दे रहे हैं। और कह रहे हैं कि आप का जब काम हो आप बताओ वह उपस्थित होकर काम करेगी।

 

…… तो क्या पंचायत सहायकों के लिए बनी कार्यालय उपस्थिति की समय सारिणी फर्जी है?? जबकि फ़ोन पर बातचीत के दौरान खण्ड विकास अधिकारी सुनील सिंह स्वयं कह रहे हैं कि सुबह दस बजे से दो बजे तक का समय पंचायत सहायक को कार्यालय में रहने एवम दो से पांच बजे का समय क्षेत्र में लोगों को योजनाओं की जानकारी देने एवम सरकारी काम करने के लिए निर्धारित है। आपको बताते चले ” ग्राम सचिवालय में लटक रहा ताला पंचायत सहायक नदारद” हेडलाइन के नाम से अमर चेतना द्वारा खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद खण्ड विकास अधिकारी सुनील सिंह ने पंचायत सहायक का पक्षकार बनते हुए हमारे प्रतिनिधि को फ़ोन किया और गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि आप को जो लिखना है लिखते रहिए पंचायत सहायक किसी दिन कहीं चली गई रही होगी। अब सोचने वाली बात यह है की अगर पंचायत सहायक कहीं गई थी तो कार्यालय पर कोई सूचना अंकित क्यों नहीं की ? और अगर पंचायत सहायक बीडीओ साहब के आदेश पर कहीं गई थी तो बीडीओ सुनील सिंह कहीं चली गई होगी जैसा गैर जिम्मेदाराना बयान क्यों दे रहे हैं? बीडीओ सुनील सिंह पंचायत कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक करके स्पष्टीकरण मांगने और कार्यवाही करने के बजाय पंचायक सहायक की पैरवी क्यों कर रहे हैं? जबकि ग्राम प्रधान ने स्वयं बताया कि बीडीओ साहब सहित कई सम्बन्धित अधिकारियों से लगभग पचास बार फ़ोन पर शिकायत भी किया गया कि पंचायत सहायक पंचायत से नदारद रहती हैं। जब मन हुआ कार्यालय खोलती हैं जब मन हुआ बंद कर देती हैं। इनसे जब कहा जाता की गांव में लोगों से मिलो और उन्हे योजनाओं का लाभ दो तब भी कहीं नहीं जाती । इतनी बार शिकायत किया गया lलेकिन आज तक पंचायत सहायक के काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया और न ही कोई कार्यवाही हुई । जबकि खबर प्रकाशित होने के बाद बीडीओ सुनील सिंह मामले में लीपा पोती करके मामले को दबाने में जुटे हैं। ग्रामीणों की मानें तो आज तक काफी लोग ऐसे हैं जिन्हें यह भी नहीं पता की हमारे गांव की पंचायत सहायक कौन हैं ? जबकि बीडीओ सुनील सिंह दावा करते हैं की पंचायत सहायक का दो बजे से पांच बजे तक गांव में लोगों के बीच रहने का ही समय निर्धारित है। अब देखने वाली बात है कि कब खण्ड विकास अधिकारी के संरक्षण में कार्यालय में ताला लटकाकर नदारद रहने वाली पंचायत सहायक पर क्या कार्यवाही होती है।