अविनाश पाण्डेय
मुख्य संवाददाता
ऊंचाहार रायबरेली संवाददाता।। तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है मगर यह आंकड़े झूठे हैं यह दवा किताबी है ।उधर जम्हूरियत का ढोल पीटे जा रहे हैं वो, इधर परदे के पीछे बर्बारियत है नवाबी है। अदम गोंडवी की व्यवस्था पर प्रहार करती हुई यह पंक्तियां प्रदेश की योगी सरकार के बड़े-बड़े दावों और कई गांव की मौजूदा हालात पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। सरकारी दफ्तर की फाइलों में वीआईपी जिलों में शुमार रायबरेली के रोहनिया विकास खंड के प्रताप का पुरवा गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आजादी के 75 साल बाद भी ग्रामीणों को सड़क नसीब नहीं हुई है। विकास से अछूता रखा गया है । आपको बताते चलें की ग्रामप्रधान और ग्राम विकास अधिकारी पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने बताया की गांव में कभी बिना कार्य करवाए और कभी आधे अधूरे कार्य का भुगतान कर पैसों का बंदर बांट कर लिया जाता है।
जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने आज खंड विकास अधिकारी के कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंपा और कहा कि हमारे गांव में एक पक्की सड़क या इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण करवाया जाए। क्योंकि बरसात के मौसम में गांव में प्रवेश करना दूभर हो जाता है। बदहाल रास्तों की वजह से बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते हैं। बरसात के मौसम में अगर कोई बीमार हो जाए तो गांव से ना निकल पाने की वजह से ही लोगों की जान चली जाती है। इस अवसर पर राजेश पाण्डेय,वेद प्रकाश तिवारी, आदित्य प्रकाश, धीरज पटेल ,मक्खन पाल, सुरेश कुमार, पवन कुमार तिवारी ,अजय प्रकाश आदि सैकड़ो लोग मौजूद रहे।