खागा, फतेहपुर अमर चेतना। आबरूए चिश्तियत कलंदरे आज़म हजरत ख्वाजा इफाहामुल्लाह उर्फ अब्बा हुजूर की याद में जामिया सफ़विया इफ्हामुल उलूम नरौली शरीफ विकास खंड हथगाम में आयोजित उर्स मुबारक कुरआन ख्वानी, फातिहा, जलसा, नातिया कलाम, महफिल-ए-शमा के साथ साल भर के लिए समाप्त हो गया। दूर दराज से आए अकीदतमंद खानकाह-ए-इफहामिया के साहिब-ए-सज्जादा हजरत ख्वाजा अजमत शफी मियां निजामी मोहम्मद हाशिम हुसैन चच्चा मियां की दुआएं लेकर रवाना हो गए। मंथन हॉस्पिटल खागा की ओर से श्रद्धालुओं का निःशुल्क इलाज किया गया। हथगाम विकास खंड की ग्राम पंचायत नरौली खुर्द उर्स मुबारक के कारण नरौली शरीफ के नाम से चर्चित है।
कुरआन ख्वानी, अल फातिहा, जलसा, नातिया कलाम, महफिल-ए-शमा एवं लंगर-ए-आम के साथ हजरत मोहम्मद हाशिम हुसैन की कयादत एवं निगरानी में आयोजित दूर-दूर तक मशहूर नरौली शरीफ का उर्स मुबारक संपन्न हुआ। फातिहा के बाद तबर्रुक अर्थात प्रसाद का वितरण किया गया। फातिहा के दौरान मुल्क की तरक्की, अम्नो-अमान, एकता, अखंडता एवं भाईचारे की दुआ की गई। जलसे में मौलाना तुफैल चंद्रपुर महाराष्ट्र एवं हाफिज अब्दुर्रहमान ने नाते-पाक पेश करने के साथ-साथ तकरीर में सूफी संतों की विशेषता बताते हुए कहा कि ये लोग बहुत नर्म दिल होते हैं। मदद करना इनका स्वभाव होता है। ये लोग हमेशा सबको सच्ची और अच्छी राह दिखाते हैं जिससे लोगों का कल्याण होता है। महफिल-ए-शमा में सूफी कव्वाल आफताब कैफ अजमेरी, उरूज खान मानिकपुरी, हाफिज सैयद सरावा एवं कव्वाल इदरीस लखनवी ने सूफी कव्वाली पेश की। इसके पहले बीती रात भी महफिल-ए-शमा में सूफियाना कव्वाली पेश की गई। मुरीदान-ए-खास आजाद कानपुरी, डॉक्टर वारिस अंसारी आदि ने बताया कि देर रात खानकाह से गागर अब्बा हुजूर की दरगाह तक गाजे-बाजे, छत्तीसगढ़ से आए बैंड आतिशबाजी के साथ लाया गया। देर रात तक सुफियाना कव्वाली का दौर चलता रहा। दूर-दूर से आए श्रद्धालु अब्बा हुजूर की मजार पर अकीदा पेश करते रहे।