सोनभद्र। राजस्व लाकअप रॉबर्ट्सगंज में किसान की मौत पर चर्चित बैरिस्टर विकास शाक्य ने सिस्टम पर लगाया गंभीर आरोप।
राजस्व लॉकअप में सुधाकर दुबे के मौत के मामले पर एसडीएम सहित तहसीलदार के खिलाफ कोतवाली रावटसगंज में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव विकाश शाक्य ने सिस्टम पर लगाये कई गंभीर आरोप। वरिष्ठ वकील ने कहा कि यह संघर्ष और न्याय की अधूरी जीत है। निष्पक्ष विवेचना और सजा दिलाए जाने तक का संघर्ष अभी बाकी है।
श्री शाक्य ने कहा कि विगत वर्ष 19 मई को सदर तहसील के राजस्व लॉकअप में राजस्व बंदी सुधाकर दुबे के मौत प्रशासनिक लापरवाही और क्रूरता के कारण हो गई थी। जिसका पोस्टमार्टम कराए बगैर शव को जलवा दिया गया था। इसके साथ ही साक्ष्यों एवं सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी किया गया था। मामला संज्ञान में आने पर पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव एडवोकेट विकास शाक्य ने शिकायती पत्र देकर उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। साथ ही मृतक के पुत्र नीरज दुबे के साथ न्याय दिलाने की लड़ाई भी उन्होंने शुरू की है। इसके साथ ही मशहूर अधिवक्ता विकास शाक्य ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका भी दाखिल कराया है। इस लोमहर्षक कांड में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दस लाख रुपए मुआवजा और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया था।