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कई बार लिखा गया पत्र लेकिन नहीं हो सका कायाकल्प
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तो ग्राम प्रधान ने भी मान ली हार बोले कोई नहीं सुन रहा सरकार
ऊंचाहार रायबरेली ।राजकीय कालेजों के हालात दिन प्रतिदिन बदतर होते चले जा रहे हैं। राजकीय कालेजों के जिन कमरों में छात्र छात्राओं को पढ़ाया जा रहा हैं वहां आप एक पल भी रुकना पसंद नहीं करेंगे। जिन कमरों में कक्षाएं संचालित की जा रही है बिल्कुल खंडहर हो चुके हैं । विद्यालय में मौजूद एक शिक्षक ने बताया कि कई वर्षों से मरम्मत के लिए भी एक फूटी कौड़ी नहीं मिली।
हम बात कर रहे हैं रोहनिया ब्लाक के तामसगढ़ मजरे खान आलमपुर सताहरा स्थित राजकीय हाईस्कूल की जिसके साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। आपकों बता दें कि इस विद्यालय का भवन बिल्कुल जर्जर हो चुका है लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार आज तक कायाकल्प के लिए कोइ राशि नहीं दी गई। उसी जर्जर भवन में कक्षाएं संचालित कर छात्र छात्राओं की जिन्दगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।विद्यालय में मौजूद एकमात्र शिक्षक ने बताया कि विद्यालय के कायाकल्प के लिए राशि की मांग को लेकर कई बार पत्र लिखा गया लेकिन अभी तक कायाकल्प नहीं हो सका है। जानकारी देते हुए ग्राम प्रधान संतोष मौर्य ने बताया कि शिकायती पत्र दिया गया है ज़िले में लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुईं।