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मौर्य समर्थकों और महंत राजूदास में हाथापाई

लखनऊ में एक होटल में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास के साथ हाथापाई की। बुधवार को महंत राजू दास एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां पर स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके समर्थक पहले से ही थे। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच कहासुनी हो गई, जो मारपीट तक पहुंच गई।

इस घटना से हाथापाई से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें नजर आ रहा है कि मौर्य समर्थक राजू दास को दौड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक शख्स उनसे हाथापाई करते हुए दिखाई दे रहा है। फिलहाल, इस मामले में राजू दास ने गुरुवार को मीडिया से इस पूरे मामले में बात करने के लिए कहा है।

उधर, स्वामी प्रसाद मौर्य ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। इसमें स्वामी ने कहा, “मुझ पर तलवार और फरसा से हमला करने का प्रयास किया गया। वहां मौजूद मेरे समर्थकों ने बचा कर गाड़ी में बैठाया।”

स्वामी ने लखनऊ कमिश्नर को पत्र लिखा है…
स्वामी प्रसाद ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। इसमें लिखा है “दोपहर 12.30 बजे टीवी चैनल के कार्यक्रम में बुलाया गया था। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बाहर आया तो वहां पहले से मौजूद अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास और महंत परमहंस दास, तपस्वी छावनी और उनके कुछ साथियों ने तलवार व फरसा से मुझ पर हमला करने का प्रयास किया।

मेरे समर्थकों ने बीच-बचाव कर मुझे सकुशल गाड़ी में बैठाया। इन लोगों ने पहले भी मुझे मारने के लिए 21 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। यह जानते हुए भी उन्हें इस कार्यक्रम में बुलाना और उनके निर्धारित समय से पहले बुलाकर हथियारों के साथ बैठाना भी कुटिल साजिश है।” इसमें स्वामी प्रसाद ने चैनल की एंकर पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर बयान दिया था। जब साधु-संतों ने उनके इस बयान का विरोध किया तो मौर्य ने एक और बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा था- हाथी चले बाजार कुत्ता भौंके हजार’। इसको लेकर अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने नाराजगी जताई थी।

राजू दास ने मौर्य के इस बयान को ब्राह्मणों और साधु-संतों का अपमान बताया था। उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ब्राह्मणों और संतों-महंतों को कुत्ता कहा है। ऐसे में जो भी व्यक्ति स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर तन से जुदा करेगा, उसे 21 लाख का इनाम देंगे।

पढ़िए स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस को लेकर क्या कहा था…
बता दें कि कुछ दिन पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है।

स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सवाल उठाते हुए ये भी कहा था कि ब्राह्मण भले ही लंपट, दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है?

इससे पहले तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य की गर्दन काटने पर 500 रुपए का इनाम देने की बात कही थी।