ऊँचाहार,रायबरेली। वन दरोगा और ठेकेदार की जुगलबंदी से हरे पेड़ों पर बेतहाशा आरा चलाया जा रहा है। पेड़ पर जुर्माना करने की आड़ लेकर वन दरोगा और ठेकेदार काली कमाई कर रहे हैं। पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नज़र आ रही है।डीएफओ मामले में अंजान होने की बात बता रहे हैं।
ऊँचाहार कोतवाली क्षेत्र के कबीर चौराहे के निकट पानी टंकी के पास मगंलवार को वन दरोगा की सह पर ठेकेदार द्वारा हरा आम का पेड़ काटकर जमींदोज कर दिया गया। ठेकेदार पेड़ पर जुर्माना अदा करने की बात कर रहा है। जबकि उसके पास किसी प्रकार का कोई अभिलेख मौजूद नहीं मिला। कहते हैं। हवलदार साइयां अब डर काहे का। जी हां बिल्कुल सही पढ़ा आपने वन दरोगा और ठेकेदार की जुगलबंदी जग जाहिर है। ठेकेदार की तहसील मुख्यालय के निकट स्थित लकड़ी की दुकान पर वन दरोगा घण्टों बैठकर पार्टी करता है। ठेकेदार द्वारा वन दरोगा को कई तरह के पकवान पेश किए जाते हैं । इसके एवज में साहब हरे पेडों का सौदा कर लेते हैं और दोनों के गठजोड़ से हरियाली पर आरा चलाकर काली कमाई की जा रही है। वन रक्षक से दरोगा बने साहब का दबदबा एक दशक से चलता आ रहा है। साहब के ऐसे ठेकेदारों से गठजोड़ की जानकारी उनके विभाग के आला अधिकारी को भी नहीं हो पाती यहां तक की साहब का किया हुआ सौदा उनके साथ कार्यरत उनके वनरक्षक तक को नही हो पाती यही कारण है कि अधिकारियों से लेकर क्षेत्र में साहब का रसूख और दबदबा अबतक बरकरार रहा। लम्बे समय से एक ही क्षेत्र में तैनात रहने से सभी लकड़ी ठेकेदारों में इसकी अच्छी पैठ है। जो भी ठेकेदार इसके खिलाफ जाता है उनके ऊपर यह दरोगा मुकदमों की बारिश कर देता है। इस दरोगा ने अपने चहेते और अच्छे गठजोड़ वाले ठेकेदार से नया पुरवा, धमधमा, कबीर चौराहा पानी टंकी के निकट, राठौर का पुरवा, अरखा, कंदरावां, लक्ष्मीगंज समेत दर्जनों गांवों से हज़ारों हरे प्रतिबंधित पेडों को धरासायी कर चुका है और करोड़ों रूपए की कमाई कर के खुद और साहब को मालामाल कर चुका है बड़ी बात तो यह है की न ही रेंजर और न डीएफओ को इसकी भनक होती है। यह ठेकेदार पुलिस से मैनेजमेंट करके वन दरोगा के साथ यह ठेकेदार लम्बे समय से हरियाली पर आरा चला रहा है। डीएफओ आशुतोष जायसवाल ने बताया कि जुर्माना करके पेड़ कटवाना गलत है। ऐसी कोई जानकारी नहीं है। यदि ऐसी कोई घटना हुई है तो गलत है इसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जायेगी।