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उसरी चट्टी कांड मामले में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को राहत

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर की एमपी एमएलए विशेष अदालत में याची के खिलाफ चल रहे आपराधिक केस की सुनवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा ट्रायल के दौरान शिकायतकर्ता की तरफ से कोर्ट में सैकड़ों की भीड़ के कारण निष्पक्ष विचारण की उम्मीद नहीं है।

कोर्ट ने जिला जज से भी रिपोर्ट मांगी है तथा केस पूर्वांचल के बाहर स्थानांतरित करने की याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति डी के सिंह ने पूर्व विधायक त्रिभुवन सिंह की अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। इस जानलेवा हमले व षड्यंत्र के मामले में बाहुबली बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह आरोपित है।

15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी अपने क्षेत्र मऊ जा रहे थे। इस दौरान उसरी चट्टी पर स्वचालित हथियारों से काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। एक हमलावर भी मारा गया था। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह के खिलाफ मोहम्मदाबाद थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसका ट्रायल गाजीपुर की विशेष अदालत में चल रहा है। कोर्ट ने विपक्षी मुख्तार अंसारी को नोटिस जारी की है।

याची का कहना है कि मऊ, गाजीपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में शिकायत कर्ता की दहशत है। ट्रायल के समय उसके गैंग के सैकड़ों लोग अदालत में आते हैं। इस दौरान याची के परिवार के पांच सदस्यों की हत्या हो चुकी है। वह बांदा जेल में बंद हैं। उसका भाई गाजीपुर का सांसद हैं। बेटा मऊ से विधायक है। भतीजा गाजीपुर से विधायक हैं। कोर्ट में ही भीड़ इकट्ठी कर याची को मारने की आशंका है। याची के जीवन को गंभीर खतरा है। मऊ जिला जज की रिपोर्ट है कि भारी भीड़ के चलते निष्पक्ष ट्रायल की संभावना नहीं है। विशेष अदालत में आपराधिक केस का ट्रायल रोका जाय। याचिका की सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।