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अटल जी की कविताओं का हुआ पाठ

खागा/फतेहपुर। विकास खंड धाता के ग्राम गुरसंडी स्थिति पंडित सूर्यपाल रमाशंकर राममूरत पाण्डेय निष्पक्ष देव विद्या मंदिर में शनिवार को भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय और कवि हृदय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती की पूर्व संध्या पर विद्यार्थी कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ बाल कवियों के साथ बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने अटल जी के चित्र पर पुष्प, दीप, धूप अर्पित कर किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं के पाठ से समारोह गुंजायमान हो गया। लक्ष्मी ने कदम मिलाकर चलना होगा, सृष्टि मिश्रा ने आओ फिर से दिया जलाएं, सलोनी ने गीत नही गाता हूं, यतार्थ ने भरी दुपहरी में अंधियारा, हर्षित विश्वकर्मा ने बढ़ रहें है चरण अगणित, अभिषेक ने क्या हार में क्या जीत में, मनीषा ने आहुति बांकि यज्ञ अधूरा, अशिंका सिंह, राधिका सिंह, काजल शर्मा आदि ने कविता पाठ किया। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कूड़े से बिजली बनाने की सोच रखते थे। स्वच्छ शहर का सपना देखने और कूड़े को ठिकाना लगाने के लिए ही अटल ने लखनऊ को कूड़े से बिजली बनाने की परियोजना दी थी। बिजली के साथ ही कूड़े से खाद भी बनाई जानी थी। मगर अफसरों की खराब सोच से परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी जबकि इसके लिए हरदोई रोड स्थित भरावनखुर्द में कूड़े से बिजली बनाने का संयंत्र भी लगाया था, लेकिन अफसरों की लापरवाही से आज परियोजना की भूमि से लेकर संयंत्र तक आइडीएफसी (इंफ्रास्टैक्चर डेवलेपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन) के पास बंधक है। इस अवसर पर बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के खखरेरू नगर अध्यक्ष कोमल मोदनवाल, दीपक पासवान ने अटल जी के जीवन पर प्रकाश डाला।