प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत INDIA ने हमेशा अपने विकास के अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा किया है। हमारी विकास साझेदारी में सभी भौगोलिक और विविध क्षेत्र शामिल है। आपकी आवाज भारत की आवाज है और आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट (Voice of Global South Summit) के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, यह मेरा सौभाग्य है कि मैं आपका स्वागत इस समिट में कर रहा हूं। मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि आप दुनिया के विभिन्न जगहों से इसमें हिस्सा ले रहे हैं। भारत ने हमेशा ग्लोबल साउठ के अपने भाइयों के साथ अपने विकास संबंधी अनुभव को साझा किया है। बता दें, इस समिट का उद्देश्य एकता की आवाज, एकता का उद्देश्य है।
उन्होंने कहा, हम नए वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। पिछला वर्ष युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद और तनाव से भरा हुआ था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बढ़ती खाद्य उर्वरक और ईंधन की कीमतों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, इन अधिकतर वैश्विक चुनौतियों के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ जिम्मेदार नहीं है, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव उस पर ही पड़ता है।
अनुमान लगाना मुश्किल difficult अस्थिरता की स्थिति कब तक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि वैश्विक पटल पर छाई अस्थिरता की स्थिति कब तक बनी रहेगी। ऐसे में हमारा (ग्लोबल साउथ) भविष्य सबसे अधिक दांव पर लगा है। हमारे देशों में तीन-चौथाई मानवता रहती है। भारत ने हमेशा अपने विकास के अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा किया है। हमारी विकास साझेदारी में सभी भौगोलिक और विविध क्षेत्र शामिल है। भारत ने इस वर्ष अपनी G20 अध्यक्षता शुरू की है, यह स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को उठाना है।
नई व्यवस्था बनाने के लिए एक-दूसरे का समर्थन Support जरूरी
पीएम ने कहा, हमने विदेशी शासन के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का समर्थन किया और हम इस सदी में फिर से एक नई विश्व व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा कर सकते हैं, जो हमारे नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करेगी। आपकी आवाज भारत की आवाज है और आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं। वैश्विक मुद्दों को हल करने में संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की बड़ी भूमिका है। हमें इनमें सुधार और प्रगति को शामिल करना चाहिए।