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ओडीओपी की ऊंची उड़ान, अब फ्लिपकार्ट – अमेजन को देगा टक्कर

  • वैश्विक स्तर पर यूपी के ओडीओपी उत्पादों की बनेगी पहचान, पहली बार बिना जीएसटी वाले शिल्पकारों का भी हो रहा रजिस्ट्रेशन

  • ओडीओपी के शिल्पकारों ने ई कामर्स साइट के माध्यम से 24 करोड़ से अधिक का किया व्यवसाय

  • फ्लिपकार्ट-अमेजन की तरह अपना ई कामर्स प्लेटफॉर्म लांच कर रहा ओडीओपी, ऐप भी बनाया जा रहा

  • चल रहा फिल्ड ट्रायल, हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के साथ ओडीओपी मार्ट बनाया जा रहा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मेगा प्रोजेक्ट ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) वैश्विक स्तर पर छाने वाला है। प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के लिए बड़ी पहल की गई है। फ्लिपकार्ट और अमेजन की तरह ओडीओपी अपना ई कामर्स प्लेटफॉर्म लांच करने वाला है। फिलहाल, इसका फिल्ड ट्रायल चल रहा है। यूपी के ओडीओपी उत्पादों के लिए यह पहला समर्पित प्लेटफॉर्म होगा।
सीएम योगी के निर्देश पर वैश्विक स्तर पर बढ़ते ऑनलाइन कारोबार को देखते हुए प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों के लिए एक नया बाजार मिलने वाला है। इसके लिए तैयार किए जा रहे ई कामर्स प्लेटफॉर्म पर कोई भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाला कारोबारी अपने उत्पाद बेच सकता है। सरकारी की ओर पहली बार बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाले ओडीओपी के शिल्पकारों को सब वेंडर बनाकर भी शामिल किया जा रहा है। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से खरीद होने पर शिल्पकार को सीधे मैसेज भेजा जाता है और हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से फोन कर बताया भी जाता है कि अपने उत्पाद तैयार रखें। इसके बाद संबंधित शिल्पकार से उत्पाद लेकर लॉजिस्टिक पार्टनर ग्राहक तक पहुंचाते हैं।

ओडीओपी मार्ट का जल्द लांच होगा ऐप: डॉ. सहगल
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के साथ ओडीओपी मार्ट बनाया जा रहा है। इससे जीएसटी और बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाले शिल्पकारों को फायदा है। ग्राहक को भी इस बात की गारंटी रहती है कि उसने जिस जिले का ओडीओपी उत्पाद खरीदा है, वह विश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ओडीओपी के उत्पादों की निशुल्क कैटेलॉगिंग भी की जा रही है और जल्द ही ओडीओपी मार्ट का ऐप भी लांच किया जाएगा।

फ्लिपकार्ट, अमेजन और ईवे ऑनलाइन साइट पर ओडीओपी के 15 कैटेगरी के 11 हजार उत्पाद
सीएम योगी ने पिछले साढ़े चार साल में प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान दी है। इसके लिए सरकार की ओर से हस्त शिल्पियों और शिल्पकारों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित किया गया है। इसके अलावा तकनीकी उन्नयन के लिए उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई है। साथ ही सब्सिडी देकर आर्थिक रूप से सहयोग भी किया गया है। जिसका नतीजा है कि प्रदेश में पहली बार पारंपरिक उत्पादों को नई पहचान मिली है और ऑफलाइन बिक्री के अलावा ऑनलाइन बिक्री भी शुरू की गई है। पिछले ढाई सालों में फ्लिपकार्ट, अमेजन और ईवे ऑनलाइन साइट पर 15 कैटेगरी के करीब 11 हजार उत्पाद ओडीओपी के हैं और करीब 355 शिल्पकारों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। ऑनलाइन कारोबार के माध्यम से शिल्पकारों ने 24 करोड़ से अधिक का व्यवसाय भी किया है।