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अवैध संबंधों में रोड़ा बने भतीजे की चाचा ने की थी हत्या

 6 महीने से फरार चल रहे अभियुक्त को पुलिस ने दबोचा

खागा/फतेहपुर। सगे भतीजा की हत्या करने वाले फरार चल रहे चाचा को कोतवाली पुलिस ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर खागा मंडी परिसर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्त से हत्या में प्रयुक्त की गयी सामग्री को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।
पुलिस उपाधीक्षक संजय कुमार सिंह ने आयोजित प्रेस वार्ता में घटना का खुलासा करते हुए बताया कि 2 अगस्त 2022 को फूलचंद्र के 16 वर्षीय पुत्र मोहित कि तमंचे से मारकर हत्या की गई थी जिसमें मृतक मोहित के पिता फूलचंद्र ने 2 अगस्त 2022 को मुकदमा अपराध संख्या 314/22 धारा 302, 452, 506 आईपीसी के तहत सुरेंद्र पुत्र राम कुमार जायसवाल, शिवा पुत्र राम कुमार जायसवाल निवासी गण नई बाजार कस्बा खागा जो मूलनिवासी भोगलपुर के हैं। इनके द्वारा मोहित जायसवाल की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या किए जाने का मुकदमा पंजीकृत कराया था लेकिन विवेचना के दौरान स्वतंत्र चश्मदीद साक्षी व अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन से घटना का वास्तविक अभियुक्त मृतक का चाचा ज्ञान चंद्र पुत्र हीरालाल निवासी ग्राम भोगलपुर हाल मुकाम बाईपास नई बाजार 45 वर्ष द्वारा हत्या की गई है। उसके बाद 6 महीने से फरार चल रहे मोहित जायसवाल की हत्या के अभियुक्त उसके सगे चाचा ज्ञान चंद्र को पुलिस तलाश कर रही थी और बृहस्पतिवार को कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार चतुर्वेदी के मार्गदर्शन पर खागा मंडी परिसर से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्त से हत्या में प्रयुक्त होने वाला 315 बोर तमंचा 1 अदद खोखा बरामद किया गया है। पुलिस द्वारा कार्यवाही करके अभियुक्त को जेल भेजा गया। अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली टीम में कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार चतुर्वेदी के अलावा उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, कांस्टेबल रोहित कुमार, कांस्टेबल उमेश कुमार ,कांस्टेबल टिकेंद्र कुमार, महिला कांस्टेबल रिंकू यादव व महिला कांस्टेबल संतोषी रही।

मृतक की मां के बीच थे अवैध संबंध
खागा/फतेहपुर। सगे भतीजे के हत्यारा चाचा के उसके मां से अवैध संबंध थे। उन्हीं अवैध संबंधों के चलते चाचा ने रोड़ा बने भतीजा को हटाने के लिए गोलियों से भून कर हत्या किया था।

शिवकुमार के यहां लेने गया था तमंचा
खागा/फतेहपुर। गिरफ्तार अभियुक्त ज्ञानचंद ने बताया कि घटना के पहले घर की रखवाली करने के उद्देश्य से शिवकुमार के यहां तमंचा लेने गया था लेकिन शिवकुमार ने तमंचा नहीं दिया था इसके बाद दूसरे के यहां से तमंचा लेकर घटना को अंजाम दिया था।