गोरखनाथ मंदिर पर हमले का दोषी अहमद मुर्तजा अब्बासी आतंकी फंडिंग के साथ ही सीरिया जाने की तैयारी में भी जुटा था। कोर्ट के समक्ष अभियोजन पक्ष ने बताया कि एटीएस की जांच के दौरान सामने आया कि वह आईआईटी मुंबई से पढ़ा है। उसके वित्तीय लेने-देन के विश्लेषण से पता चला कि वह सीरिया से जुड़े आतंकी संगठन को फंडिंग भी कर रहा था।
वारदात के बाद सीरिया जाने की तैयारी में भी जुटा था। दोषी अहमद मुर्तजा अब्बासी के पास से भारी मात्रा में आईएसआईएस और अलकायदा सहित अन्य वैश्विक आतंकी संगठनों का भड़काऊ साहित्य भी बरामद किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि मुर्तजा आईएसआईएस की विचारधारा को मानता है और उसके लड़ाकों से भी उसका सीधा संपर्क था।
आरोपी ने तीन अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर के एक नंबर गेट से बांके के साथ परिसर में घुसने की कोशिश की थी। रोकने पर पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान को घायल कर उसका सरकारी असलहा भी छीनने का प्रयास किया था। अन्य सुरक्षाकर्मियों द्वारा पकड़ने की कोशिश किए जाने पर उसने बांके से हमला कर धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारे भी लगाए। इस पूरे मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई।
60 दिन में पूरी हुई सुनवाई
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि 60 दिन तक चली सुनवाई के बाद गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के दोषी को सजा का एलान हुआ है। कोर्ट ने धारा 121 आईपीसी के तहत इस मामले में दोषी को फांसी की सजा और पुलिस पर हमले के दोष में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह दर्शाता है कि इस मामले में पुलिस की जांच सही थी।