मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि भारत की अपनी कल्पना है सेवा की, अगर हम सेवा नहीं करेंगे तो कोई और सेवा करेगा। गरीबों पर परोपकार नहीं होता, अपितु वो गरीब शिव है और साक्षात हमारे सामने हमारे जीवन को सार्थक करने और पुण्यार्जन के लिए उपस्थित है। सेवा करते हुए अहंकार नहीं रहना चाहिए, क्योंकि जो संपत्ति अर्जित होती है वो चल है और हम उसके मालिक नहीं हैं, हम उसके ट्रस्टी हैं। हमें दोनों हाथों से कमातेे हुए हजारों हाथों से उसे परोपकार में लगाना चाहिए।
मुंबई के मरीन लाइंस में स्थित बिरला मातुश्री हाल में रविवार को भारत विकास परिषद के संस्थापक डॉ. सूरज प्रकाश का जनशताब्दी समापन समारोह संपन्न हुआ। इस समारोह को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जैसे किसी विशाल वटवृक्ष के बीच में उसका बीज मिट्टी में मिल जाता है, वैसे ही भारत विकास परिषद के संस्थापक डॉक्टर सूरज प्रकाश थे। उन्होंने अपना जीवन भारत विकास परिषद के लिए समर्पित किया है।
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि हम भारत हैं, भामाशाह हमारे पास हैं, वैसे ही भारत विकास परिषद है। भारत के विकास की अपनी कल्पना है, अपनी प्रकृति है, हमारे पास विकास के चार साधन है- अर्थ, काम, मोक्ष और धर्म , और भारत धर्मपरायण देश है जो भारत को बाकी के देशों से अलग करता है। भारत के पास वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र है और सबके विकास में एक का विकास है। भारत का जो प्राचीन चरित्र है, भारत विश्व के लिए शांति प्रदाता विश्व गुरु है और भारत को बाकी देश इसी रूप में देखते हैं, जब तक सृष्टि है तब तक भारत की जरूरत है। इसलिए भारत विकास परिषद के सभी कार्यकर्ताओं को भारत के चरित्र को प्रकृति को जानना है और सेवा करते हुए जीना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि भारत में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। भारत में नौकरियों का सृजन हो रहा है, भारत की डेमोक्रेसी बहुत ताकतवर है। विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर एवं गति शक्ति से वर्ष 2047 में जब भारत 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा तब भारत विश्व की उच्चतम अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत की अधिकतर जनसंख्या युवा है और हमारे युवा विश्व स्तर पर कार्य करने के लिए सक्षम है। आधार और डिजिटल पेमेंट जैसे टेक्नोलॉजी इनोवेशन से भारत के लोगों को मुख्य धारा में आने का अवसर मिला है।
कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक जैनाचार्य श्री नयपदंसागर जी महाराज ने परिषद के सभी कार्यकर्ताओं एवं सभागृह में उपस्थित लोगों को आशीर्वाद देते हुए, राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया । राष्ट्रीय महामंत्री श्याम शर्मा द्वारा परिषद के विभिन्न आयामों की जानकारी साझा की गई एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन द्वारा सभागार में उपस्थित प्रबुद्धजनों का परिचय करवाया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह संधू द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर में सेवाकार्यों में समर्पित 5 सामाजिक विभूतियों को प्रेरणास्वरूप सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्मारिका प्रबुद्ध अवलोकन का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन भारत विकास परिषद के पश्चिमी क्षेत्र के अंतर्गत कोंकण प्रान्त की ओर से किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय अध्यक्ष सुधीर पाठक, क्षेत्रीय सचिव एल आर जाजू, क्षेत्रीय अतिरिक्त सचिव रवि प्रकाश, क्षेत्रीय महिला प्रमुख दीप्ति चौधरी, कोंकण प्रांत अध्यक्ष महेश शर्मा, सचिव यतीश गुजराथी, कोषाध्यक्ष भीम भाई रुपाणी, उपाध्यक्ष सीमांत प्रधान और मुम्बई प्रांत के सचिव संजय पोद्दार, जेपी बियाला, कोंकण एवं मुम्बई प्रांत, शाखा के पदाधिकारी व सभी सदस्यगण का आयोजन सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा।