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साइबर अपराधों से बचाव के छात्र-छात्राओं को बचाए उपाय

बांदा। साइबर जागरुकता अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को साइबर क्राइम से बचाव की जानकारी दी गई। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने साइबर की ठगी के बारे में विस्तार से समझाया। कहा कि साइबर ठगी से बचने का सबसे आसान उपाय है सतर्क रहना। अगर आपके साथ ठगी होती है तो तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें। इसके अलावा कभी भी किसी को ओटीपी, सीवीवी या पिन नंबर न बताएं।
डीआईजी डा.विपिन मिश्रा व एसपी अभिनंदन के निर्देश पर बुधवार को अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्रा की अध्यक्षता में पुलिस लाइन और सैंटमैरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में साइबर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट डा.रक्षित टंडन ने साइबर अपराध के तरीकों तथा उनसे बचने के उपायों की जानकारी दी। कहा कि अक्सर मुफ्त के चक्कर में लोग बहकावे में आ जाते हैं। इसलिए अगर आपको कोई अंजान व्यक्ति कोई ऐप डाउनलोड करने को बोल रहा है तो कत्तई न करें। इसके अलावा किसी भी वेबसाइट पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले अच्छी तरह से जांचें और अज्ञात मोबाइल नंबर से भेजी गई लिंक पर कभी क्लिक न करें। इससे आप उसको अपना मोबाइल यूज करने का अवसर देते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार एटीएम से पैसा निकालने के दौरान भी लापरवाही बरती जाती है। जिससे लोग ठगी का शिकार हो जाते हैँ। इसलिए हमेशा सावधान रहकर ही एटीएम से पैसा निकालें। किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग एप (एनी डेस्क, क्वीक सपोर्ट, टीमव्यूवर, स्क्रीन मिरर) अपने फोन में कभी भी इंस्टाल न करें। कहा कि साइबर अपराध पर तत्काल सुरक्षा व शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्प लाइन नंबर 1930 का प्रयोग करें। जबकि वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को सुरक्षित व सावधानी पूर्वक उपयोग की सलाह दी।