प्रतापगढ़। आल इण्डिया रूरल बार एसोशिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने केंद्र सरकार से कहा है कि कोलेजियम प्रणाली में संशोधन के तहत ग्रामीण अदालतो मे जिले एवं वाह्य न्यायालयों के अधिवक्ताओं को भी वरिष्ठता एवं अनुभव के आधार पर पचास प्रतिशत न्यायिक क्षेत्र में तैनाती दी जानी चाहिए। उन्होने सरकार को एसोशिएसन के द्वारा भेजवाए गए प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के पैटर्न को जिला अदालतो के साथ आउट लाइन कोर्टो मे भी प्रभावी बनाते हुए अधिवक्ताओं को वरिष्ठता एवं अनुभव के लाभ का अवसर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के तहत दिया जाना आवश्यक है। शनिवार को यहां कुण्डा मे साथी अधिवक्ताओं से मुलाकात के दौरान उन्होनें अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को अभी तक लागू न किये जाने पर सरकार की अनदेखी पर आक्रोश जताया। श्री शुक्ल ने कहा कि इस अधिनियम को लागू कराए जाने के लिए अब प्रदेश भर में अधिवक्ता ललकार यात्रा भी निकाली जाएगी। वहीं उन्होने अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजना के तहत प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानो मे अधिवक्ताओं व उनके परिवार के सदस्यो के निशुल्क इलाज के शासनादेश तथा टोल फ्री किये जाने के भी सडक परिवहन मंत्रालय से अधिवक्ताओं को विधि अधिकारी के रूप में विशेष श्रेणी मे घोषित किये जाने की भी मांग उठाई है। वहीं उनके साथ मौजूद लालगंज संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश ने कुण्डा के साथी अधिवक्ताओं से लालगंज मे एसडीएम के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर समर्थन मांगा। इसके पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने कुण्डा के अधिवक्ता सुनील तिवारी के आकस्मिक निधन पर उनके पैतृक आवास शेखपुर सहजनी पहुंचकर श्रद्धासुमन भी अर्पित किये। इस मौके पर अरविंद त्रिपाठी पंकज, वैभव पाण्डेय, रामखेलावन सरोज, विपिन शुक्ल आदि अधिवक्ता रहे।