रायबरेली जनपद के मिर्जापुर ऐहारी गांव स्थित प्राचीन बूढ़े नाथ परम धाम में एक एनजीओ सनातन फाउंडेशन के द्वारा मंदिर परिसर के अंदर अस्थाई तौर पर टीन सेड लगवाया जा रहा है। जिसको लेकर मिर्जापुर ऐहारी के वर्तमान प्रधान, पूर्व प्रधान सहित ग्रामीणों ने कोतवाली में शिकायती पत्र देकर ऐतराज जताया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार सनातन फाउंडेशन नाम की एक एनजीओ के संस्थापक कबीर जी महाराज मंदिर प्रयागराज महाकुंभ से लौटते समय बूढ़े नाथ महादेव के दर्शन के लिए आए हुए थे। तभी लोगों ने इस मंदिर की प्राचीनता से उन्हें अवगत कराया। मंदिर की प्राचीनता को देखते हुए कबीर जी महाराज ने बताया कि यह स्थान जितना दिव्य है उतना ही उपेक्षा का शिकार हुआ है। जिसे पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित किया जाना चाहिए । बूढ़े नाथ परम धाम को पर्यटन के रूप मे विकसित करने के उद्देश्य से उन्होंने मंदिर परिसर मे एक अस्थाई टीन सेड लगाकर रहने की इच्छा जताई। जिसको लेकर वर्तमान मे मंदिर की व्यवस्था देख रहे निरंकार शुक्ल ने अस्थाई तौर पर टीन शेड लगाने की अनुमति दे दी। अब तीन सेड लगाया जा रहा है। जिसको लेकर ग्राम प्रधान ओम प्रकाश पटेल, पूर्व प्रधान जगन्नाथ शुक्ल, आजाद कुमार, पुष्पेंद्र सिंह, मोनू सिंह, इसरेंद्र बहादुर सिंह, श्यामसुंदर सिंह, रमाकांत, रामकुमार, कल्लू शुक्ल, सौरभ सिंह, जय सिंह, संतलाल, आशीष श्रीवास्तव, विशंभर तिवारी अखिलेश कुमार श्यामबाबू तिवारी सहित लगभग दर्जनों ग्रामीणों ने कोतवाली में शिकायती पत्र देकर ऐतराज जताया है। वही मंदिर के पुजारी महावीर गिरी ने बताया कि हमने कोई शिकायत तो नही की लेकिन मंदिर मे टीन सेड लगाने को लेकर सनातन फाउंडेशन ने हमसेऔर ग्रामीणों से कोई राय नहीं ली जिसकी वजह से लोगों में नाराजगी है। वही ग्राम प्रधान ओम प्रकाश पटेल ने भी कहा कि मंदिर परिसर मे किसी भी गतिविधि से पहले ग्रामीणों की सहमति आवश्यक थी तभी कोई कार्य करना चाहिए था। मंदिर परिसर मे किसी भी प्रकार का कार्यालय नही होना चाहिए। वही पूर्व प्रधान जगन्नाथ शुक्ल ने कहा कि मंदिर परिसर मे जगह का अभाव है इसलिए कोई भी कार्यालय परिसर से बाहर बनाया जाए अंदर नहीं। वही क्षेत्रीय निवासी विजय शुक्ल प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सनातन फाउंडेशन ने बताया कि हमारे क्षेत्र में स्थित बूढ़े नाथ परम धाम से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है इसको पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की कार्ययोजना सनातन फाउंडेशन के द्वारा बनाई गई है। जिससे कि इस ऐतिहासिक स्थल का विकास किया जा सके। स्थानीय लोगों को सनातन फाउंडेशन के कार्यों को देखना चाहिए कि वह किस प्रकार से सनातन के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। और किसी भी विरोध से बचना चाहिए यही कोई विकास कर रहा है तो उसमे बाधक नहीं बनना चाहिए बल्कि सहयोग करना चाहिए। वही मंदिर का कार्यभार देख रहे निरंकार शुक्ल ने कहा कि अब विगत कई वर्षों से मंदिर के उत्थान के लिए अकेले कार्य कर रहे थे सनातन फाउंडेशन से विकसित करने में सहयोग के लिए कहा तो हमने स्वीकार किया हमारा उद्देश्य मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने का है।
सनातन फाउंडेशन के परियोजना का उद्देश्य:
बुढ़े बाबा मंदिर का संपूर्ण जीर्णोद्धार एवं संरक्षित धरोहर के रूप में विकास
श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाओं का विस्तार
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय रोजगार सृजन
हरित क्षेत्र, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा
आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं योग-ध्यान केंद्र की स्थापना
5. प्रस्तावित कार्य एवं संरचना विकास
(क) आधारभूत संरचना विकास
1. मंदिर भवन की मरम्मत एवं नवीन शिल्पकारी
2. प्रवेश द्वार, परिक्रमा पथ एवं मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण
3. श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला एवं विश्राम स्थल का निर्माण
(ख) श्रद्धालुओं हेतु सुविधाएं
1. शुद्ध पेयजल एवं आधुनिक शौचालय की व्यवस्था
2. रोशनी के लिए सौर ऊर्जा आधारित प्रणाली
3. पारंपरिक हवन कुंड एवं भजन संध्या मंच की स्थापना
4. सुरक्षा एवं आपातकालीन चिकित्सा सुविधा
(ग) पर्यावरण एवं हरित विकास
1. मंदिर परिसर में वृक्षारोपण एवं बागवानी
2. वर्षा जल संचयन एवं जल संरक्षण प्रणाली
3. स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन अभियान
(घ) आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां
1. योग एवं ध्यान केंद्र की स्थापना
2. वार्षिक धार्मिक उत्सवों का आयोजन
3. डिजिटल सूचना केंद्र (LED डिस्प्ले एवं मंदिर का ऑनलाइन पोर्टल)
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