Tuesday , December 17 2024

प्रशिक्षण में छात्र-छात्राओं को दी गईं जानकारियां

बांदा। वनवासी कलयाण आश्रम मानिकपुर में कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय समूह के लिए मानव स्वास्थ्य एवं पोषण सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का आयोजन बायोवर्सिटी इन्टरनेशनल एवं सीआईएटी द्वारा वित्त पोषित कम्युनिटी फार्म लेण्ड (सीएफएल इण्डिया) परियोजना अन्तर्गत किया गया। प्रशिक्षण दौरान जनजातीय छात्र-छात्राओं, कृषकों एवं महिलाओं को फलों की उपयोगिता, उनसे मिलने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी गई। डा. एसवी द्विवेदी, अधिष्ठाता, उद्यान महाविद्यालय ने फलों की मानव स्वास्थ्य में उपयोगिता पर व्याख्यान देते हुये बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हमें प्रतिदिन अपने भोजन में कम से कम कोई भी एक मौसमी फल खाना चाहिये। डा. एके श्रीवास्तव प्राध्यापक एवं अध्यक्ष फल विज्ञान विभाग ने बताया कि परियोजना का उद्देश्य अनुपयोगी अथवा खाली पड़ी जमीन पर जलवायु अनुकूल फल वृक्षों का रोपण करके फलों की उपलब्धता बढ़ाते हुए मानव स्वास्थ्य के लिए पोषण सुरक्षा प्रदान करना है। परियोजना अन्तर्गत चित्रकूट, गनीवां, मझगवां में लगभग 17 हजार पौधे वितरित किये गये हैं। उनका रोपण विभिन्न मन्दिरों, स्कूलों, आश्रमों एवं जनजातीय कृषकों के खेतों व खाली पड़ी जमीनांे पर कराया गया है। परियोजना के माध्यम से फल उत्पादन, रोपण, प्रर्वधन, नर्सरी तैयार करने के लिए जनजातीय समूह के कृषकांे को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे बाद मंे वे अपना व्यवसाय स्थापित कर सके व लाभ कमा सके। कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमुख सत्येन्द्र मिश्र एवं कार्यकारिणी समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। डा. नरेन्द्र सिंह, प्राध्यापक, शस्य विज्ञान विभाग ने समूह को क्षेत्रानुसार फलोत्पादन अपनाने पर बल देते हुये संबोधित किया एवं फलों से मिलने वाले विभिन्न पोषक तत्वों का मानव स्वास्थ्य में योगदान बताया। कार्यक्रम के अंत मंे फलदार पौधों का वितरण किया गया एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम भी कराया गया।