नई दिल्ली. एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना ने भारतीय सेना से हाथ मिलाया है. भारतीय सेना (Indian Army ) एलएसी पर पीएलए पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना के एमक्यू-9ए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है. एलएसी पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना के MQ-9A ड्रोन की मदद भारतीय सेना द्वारा ली जा रही है. यह ड्रोन फिलहाल तमिलनाडु में INS राजली पर तैनात है. वहीं अब भारतीय सेना MQ-9A की मदद से एलएसी पर निगरानी कर रही है.
अमेरिकी बेस्ड कंपनी से भारत ने लिया था दो MQ-9A ड्रोन
बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध बढ़ने पर अमेरिकी स्वामित्व वाली कंपनी से (COCO) लीज़ समझौते के तहत यूएस-आधारित कंपनी जनरल एटॉमिक्स से दो MQ-9A ड्रोन लीज पर लिए थे. MQ-9A एक टर्बोप्रॉप-संचालित एयरक्राफ्ट है, जो अपने साथ 3,850 पाउंड का सामान लेकर उड़ सकता है. यानी कि इसकी पेलोड क्षमता 3850 पाउंड है, जिसमें 3,000 पाउंड बाहरी स्टोर शामिल है.
50 हजार फीट तक 27 घंटे उड़ सकता है MQ-9A
इसके अलावा इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह 27 घंटे तक लगातार हवा में उड़ सकता है. यह खास ड्रोन 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. MQ-9A ड्रोन कथित तौर पर भारतीय सेना को जमीन पर जमीनी स्थिति की तस्वीर का ‘लाइव फीड’ भी प्रदान कर सकता है. भारत ने हिंद महासागर में PLA नेवी (PLAN) की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने के लिए MQ-9A ड्रोन का भी इस्तेमाल किया है.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारतीय सेना ने एलएसी पर चीन की पीएलए को लेने के लिए भारतीय नौसेना की मदद मांगी है. पूर्व में, भारतीय सेना ने LAC के पार चीनी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए भारतीय नौसेना के P-8I समुद्री निगरानी एयरक्राफ्ट का उपयोग किया था.