कौशांबी, 23 दिसंबर। जिले में सुशासन सप्ताह का शुभारम्भ पूर्व आईएएस अतुल कुमार ने शुक्रवार को किया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई को समर्पित प्रशासन गांव की ओर कार्यशाला में अफसरों ने सरकारी योजनाओं में कर्मचारियों की भूमिका बताई। अफसरों ने इस दौरान हुई संगोष्ठी में सरकारी कर्मचारियों को समस्याग्रस्त व्यक्ति की पीड़ा समझकर संवेदनशील होकर काम करने की बात पर जोर दिया। इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी बाजपेई के जीवन मूल्यों का उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
पूर्व आईएएस अतुल कुमार ने कहा कि शासन द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई की जयन्ती को सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी मानवीय मूल्यों से भरपूर एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के व्यक्ति थे। उन्होंने निडर समाज का नारा दिया। जहां पर किसी को कोई भय नहीं है। केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को क्रियान्वित करने में कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुशासन के लिए संवेदनशीलता बहुत जरूरी है। समस्याग्रस्त व्यक्ति की पीड़ा समझकर और संवेदनशील होकर कर्मचारियों को काम करना चाहिए।
सीडीओ डॉ. रवि किशोर त्रिवेदी ने बताया कि सरकार द्वारा सुशासन के लिए अनेक पोर्टल एवं तकनीकी सेवाओं का अनुसरण किया गया है। इससे शासकीय कार्यों को गति मिली है। हम लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं, सुविधाओं को उसी रूप में आमजन तक कैसे पहुंचाएं। इसका निरन्तर प्रयास करते रहना होगा। कर्मचारियों को हार्ड वर्क के साथ ही स्मार्ट वर्क भी करना चाहिए,ताकि ऐसा सिस्टम विकसित हो सके, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की शिकायत न आने पाये। एडीएम (न्यायिक) डॉ. विश्राम ने कहा कि सुशासन की परिकल्पना प्राचीनकाल से ही हुई है। नागरिकों की सहभागिता के बिना सुशासन का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो सकता।
एडीएम कीर्ति कुमार ने नागरिक सुविधाओं के बारे में जानकारी देकर समीक्षा रिपोर्ट पेश की। आईजीआरएस के तहत कुल 34544, सीएम हेल्पलाइन के तहत 26604 एवं ऑनलाइन 17533 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। 24 लाख 90 हजार 954 ऑनलाइन सेवाएं यथा-आय, जाति व निवास प्रमाण-पत्र आदि दी जा चुकी हैं। कार्यशाला में वरिष्ठ प्रवक्ता डायट डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ. संदीप कुमार तिवारी द्वारा सुशासन विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।