- बिजली विभाग की भूमि पर निर्माण करने वाले अवैध कब्जेदार, अब लगा रहे हैं बड़े नेताओं के चक्कर
- बड़े नेताओं से सांठगांठ कर अपना आशियाना बचाने की कोशिश कर रहे हैं अवैध कब्जेदार।
- क्या सफेदपोश बचा पाएंगे अवैध कब्जेदारों का आशियाना।
रिपोर्ट अविनाश कुमार पाण्डेय
(अमर चेतना रायबरेली)ऊंचाहार कस्बा क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक भवनों पर बुलडोजर का खतरा मंडरा रहा है। बिजली विभाग की करीब दो बीघा भूमि पर अवैध तरीके से बने मकानों को लेकर प्रशासन ने शासन को रिपोर्ट भेजी है। ऊंचाहार नगर के मध्य में स्थित 33 केवीए विद्युत उपकेंद्र की बेशकीमती भूमि पर दशको से खूब क्रय विक्रय का खेल हुआ है इसमें अब भवन बन चुके हैं मामले की शिकायत शासन से हुई तो भूमि की पैमाइश की गई उसके बाद पूरे खेल का खुलासा हुआ है आप पूरे नगर में हड़कंप मचा हुआ है राजस्व अभिलेखों में नगर की भूमि संख्या 3732,3733, 3734, 3735 क, 3736 क और 3737 बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर के नाम दर्ज है ।इस भूमि का कुल रकबा करीब साढ़े तीन बीघा है जबकि वर्तमान में उपकेंद्र के पास बमुश्किल डेढ़ बीघा भूमि है इसके अलावा उपकेंद्र के आसपास करीब 2 बीघा भूमि पर दर्जनों मकान बने हुए हैं। भूमि की पैमाइश के बाद से ही लगातार बिजली विभाग की भूमि पर बने मकानों पर बुलडोजर का खतरा मंडरा रहा है। इसी बुलडोजर की रफ्तार को धीमा करने के लिए बिजली विभाग की जमीन अवैध कब्जा करने वाले कब्जे दार मकान मालिक प्रयागराज के बड़े नेताओं और लखनऊ के बड़े नेताओं से कुछ लेनदेन के साथ सांठगांठ करने में जुटे हुए हैं। बड़े नेताओं से मुलाकात करने के बाद वापस लौटे अवैध कब्जे दार अब इस बात को लेकर आश्वस्त हो चुके हैं कि उनके मकानों पर बुलडोजर की धमक नहीं होगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या नेताओं से सांठ गांठ के बाद इन अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चल सकेगा या फिर बुलडोजर की रफ्तार धीमी हो जाएगी। जानकारों की माने तो इन अवैध कब्जेदारों पर योगी का बुलडोजर जरूर गरजेगा। इस प्रकरण में किसी सफेदपोश नेता की दाल गलने वाली नहीं है। वही इस प्रकरण में राजस्व विभाग के भी कई अधिकारी अगर मामले की सही तरीके से जांच की जाए तो कानून की गिरफ्त में आ सकते हैं। क्यों की बिजली विभाग की इस जमीन के क्रय और विक्रय में राजस्व कर्मियों की भी बहुत बड़ी भूमिका रही है।