महराजगंज, रायबरेली (अमर चेतना)। शुक्रवार को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी जिसको लेकर बाजारों में भारी भीड़ दिखाई दी जिसमें महिलाएं तिल,गुड़, शकरकंद आदि की दुकानों पर खरीददारी करती दिखी दोपहर में सूर्य भगवान के दर्शन तो हुए लेकिन फिर चंद मिनट में ठंड ने एक बार फिर अपने चपेट में लोगों को ले लिया शकरकंद (गंजी) 50 से 60 रुपए प्रति किलो गुड 50 रुपए किलो बिका तिल और रामदाने से बने मीठे लड्डू का भाव सबसे अधिक रहा वही ज्वर से बने लड्डू भी 120 रुपए में बिके मान्यता है कि इस दिन पुत्र की दीर्घायु की कामना के लिए महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रहती है रात को पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ती है प्रसाद में शकरकंद तिल व गुड़ का प्रसाद बनाकर वितरित करती हैं।
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क्यों मनाई जाती है संकष्टी चतुर्थी बताते हैं कि एक बार सभी देवता संकट में आ गए और उन्होंने शिव जी से संकट निवारण की प्रार्थना की उस समय शिव जी के कार्तिकेय भगवान और गणेश जी उपस्थित थे उन्होंने कहा कि धरती की परिक्रमा करके जो पहले आएगा वही देवताओं के कष्ट का निवारण करेगा तब कार्तिकेय अपने मयूर वाहन से चल पड़े और और गणेश जी अपने मूषक वाहन से अपने माता-पिता की सात परिक्रमा करके शिवजी के सम्मुख उपस्थित हुए और उन्होंने कहा कि माता-पिता सर्वस्व हैं इसीलिए हमें धरती की परिक्रमा की आवश्यकता नहीं है इससे प्रसन्न होकर गणेश जी को शिव जी ने वरदान दिया और वह प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता कहलाए तब से इस तिथि पर गणेश पूजा की जाती है इस संबंध में कई कथाएं और भी प्रचलित है