राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। अब झारखंड के गवर्नर रमेश बैस महाराष्ट्र के नए राज्यपाल बनाए गए हैं। इनके अलावा 12 राज्यों में राज्यपाल और उप-राज्यपाल बदले गए हैं। भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले साल नवंबर में अमित शाह को चिट्ठी लिखकर अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दो राज्यपालों का इस्तीफा मंजूर किया है। जिनमें भगत सिंह कोश्यारी के अलावा लद्दाख के उप-राज्यपाल राधाकृष्ण माथुर का नाम भी शामिल है।
इन राज्यों में भी राज्यपाल और उप-राज्यपाल बदले गए…
1. लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक अब अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल
2. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य अब सिक्किम के राज्यपाल
3. तमिलनाडु BJP के पूर्व अध्यक्ष सीपी राधाकृष्णन अब झारखंड के राज्यपाल
4. BJP वर्किंग कमेटी के सदस्य गुलाब चंद कटारिया अब असम के राज्यपाल
5. BJP नेता शिव प्रताप शुक्ला अब हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल
6. अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रिटायर्ड ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा अब लद्दाख के उप-राज्यपाल
7. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस एस अब्दुल नजीर अब आंध्र प्रदेश के राज्यपाल
8. मणिपुर के राज्यपाल एलए गणेशन अब नगालैंड के राज्यपाल
9. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान अब मेघालय के राज्यपाल
10. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर अब बिहार के राज्यपाल
11. आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन अब छत्तीसगढ़ के राज्यपाल
12. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके अब मणिपुर के राज्यपाल
9 चुनावी राज्यों के गर्वनर बदले गए
इसी साल देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इनमें पूर्वोत्तर के चार राज्यों त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं, हिंदी बेल्ट के तीन बड़े राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नवंबर में चुनाव होने हैं। दक्षिण के कर्नाटक और तेलंगाना में भी इसी साल चुनाव हैं। जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश (UT) बनाए गए लद्दाख में उपराज्यपाल (LG) की नियुक्ति की गई है।
आंध्र के गवर्नर पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर, राम मंदिर पर फैसले में शामिल थे
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का गवर्नर बनाया गया है। जस्टिस नजीर 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए हैं। 40 दिन बाद ही उन्हें गवर्नर बना दिया गया है। जस्टिस नजीर राम मंदिर पर फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे। उन्होंने मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला दिया था।
रिटायरमेंट के वक्त जस्टिस नजीर ने कहा था- अगर 9 नवंबर 2019 को आए फैसले में उन्होंने अपनी राय अलग रखी होती तो अपने समुदाय के हीरो बन गए होते। लेकिन जस्टिस नजीर ने समुदाय नहीं, देश के बारे में सोचा था। देश के लिए सब न्योछावर है।
इसके अलाव जस्टिस अब्दुल नजीर ट्रिपल तलाक और डिमोनेटाइजेशन जैसे मामलों पर फैसला देने वाली बेंच में भी शामिल रहे हैं।