प्रतापगढ़। नगर के नेताजीपुरम् में मौनी अमावस्या को श्रीमदभागवत कथा के समापन में कथाव्यास श्रीधाम वृंदावन से पधारीं देवी रश्मि किशोरी जी ने कहा कि भगवान की कृपा सभी प्राणियों पर सदभाव की कृपा का फल लिये हुए निहित है। उन्होनें कहा कि मनुष्य को फल की कामना अपने कर्म और आचरण की सुचिता के आधार पर ही करनी चाहिए। देवी रश्मि किशोरी जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की कृपानुभूति केवल जीवन के सदआचरण से ही प्राप्त की जा सकती है। उन्होनें कहा कि कलिकाल मे मनुष्य को भागवत कथा से प्रेरणा लेकर सभी के प्रति प्रेम तथा दया और करूणा तथा न्याय की संवेदना हृदय में रखनी चाहिए। कथा का सार श्रद्धालुओं को समझाते हुए कथाव्यास ने कहा कि नारी को सदैव पतिधर्म की पवित्रता का अलंकरण रखना चाहिये। युवा को सदैव अपने माता-पिता का सम्मान तथा गुरूजन के प्रति सेवाभाव रखना चाहिये। उन्होनें कहा कि सदचरित्र समाज के निर्माण के लिए धर्म का मजबूत होना इस समय की सबसे बडी आवश्यकता है। कथा के समापन के अवसर पर महिला श्रद्धालुओं के द्वारा राधे-कृष्ण संकीर्तन की भी अनुपम छटा दिखी। नगरवासियों की ओर से चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी ने कथाव्यास का सारस्वत सम्मान किया। वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने भी स्वागत भाषण में धार्मिक कथाओं की उपादेयता पर प्रकाश डाला। सभासद ज्ञानचंद्र मोदनवाल, सभासद बृजेन्द्र पाण्डेय मंटू, अधिवक्ता राजेश तिवारी, पप्पू जायसवाल ने भी कथाव्यास का श्रीअभिषेक किया। कथा की संयोजिका मालती देवी एवं अनिल कुमार ने कथाव्यास देवी रश्मि किशोरी जी एवं संकीर्तनमण्डली को शॉल व प्रतीक चिन्ह देकर अभिनंदन पत्र सौंपा। इस मौके पर पवन शुक्ला, जीत लाल गुप्ता, आईपी मिश्र, रीता देवी, अधिवक्ता शुभम, सुनील कुमार गुप्ता, निधि मोदनवाल, निशा मिश्रा, राज मोदनवाल, शैलेष गुप्ता, डीएन सिंह, बीएन सिंह, डा. एसपी सिंह, राम अभिलाष गौड, सुषमा सिंह, नेहा, स्नेहा, शिव देवी, रामसेवक, बब्लू, प्रमोद, दिलीप, विनोद, राधेश्याम, उदयशंकर दुबे, योगेन्द्र तिवारी, पन्ने लाल पाल, सुनील तिवारी, पं. श्रीकृष्ण तिवारी व नीरज सिंह आदि रहे।