फतेहपुर संवाददाता : जिले में बेसिक शिक्षा विभाग अनियमित व अवैतनिक अवकाश, अवकाश उपरांत योगदान आख्या और अवैतनिक अवकाश उपरांत नयी नियुक्ति के साथ उसी विद्यालय में वापसी के मामलों में हुए फर्जीवाड़े को लेकर चर्चा में है। जिले में अस्वीकृत अवकाश, वेतन भुगतान और नियुक्तियों में खेल कोई नया नहीं है। जिले भर में ऐसे करीब डेढ़ दर्जन मामले प्रकाश में आए हैं जिनमें खंड शिक्षा अधिकारी,मलाईदार पटल में कुंडली मारे बैठा एक बाबू , लेखाधिकारी और बीएसए की चौकड़ी की मिलीभगत से पूर्व सूचना और अवकाश स्वीकृति के बिना ही महीनों नदारद रहे गुरू घंटालों का वेतन बिल ही नहीं पास किया गया । बल्कि असोथर विकास खंड के एक यमुना तटीय गांव के बिना सूचना दिये महीनों लापता रहे मास्टर साहब को उसी विद्यालय में नयी नियुक्ति तक दे डाली गयी। हालांकि इन मास्टर साहब को प्रकरण में खुद को पाक-साफ दिखाने की गरज से बीएसए द्वारा दो नोटिसें भी जारी की जा चुकी हैं यह बात दीगर है कि नोटिसों का जवाब न देकर महाशय कैसे भी ले देकर मामला दबाने की जुगत-जुगाड़ में लगे हैं। दूसरा मामला तेलियानी ब्लाक के एक प्राइमरी स्कूल की दबंग सहायक अध्यापिका का है जिसने बिना सूचना दो माह गायब रहने के बाद बीएसए और खंड शिक्षाधिकारी को बाईपास करके जबरिया प्रधानाध्यापक को प्रभाव में लेकर ज्वाइन कर लिया और अब दो माह के वेतन का दावा भी कर रही है। बीएसए आफिस में अवकाश, वेतन और ज्वाइनिंग के फर्जीवाड़े के ये दो मामले तो महज बानगी हैं, ऐसे करीब डेढ़ दर्जन मामले हैं जिनके अस्वीकृत/अवैतनिक अवकाशों का नियम विरुद्ध वेतन भुगतान किया गया है। जल्द ही इन मामलों का विस्तृत खुलासा होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता! काश ऐसा हुआ तो जांच में कई कलंदरों की गर्दन फंस सकती है।