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भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम से जुड़ी लाखों करोड़ो की वित्तीय अनियमितता शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला- प्रमोद तिवारी

कांग्रेस राज्यसभा सदस्य ने अडानी के द्वारा घोटाले पर केंद्र सरकार पर बोला जमकर हमला, किया आगाह जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट की देखरेख मे नही हुई जांच तो विपक्ष करेगा देशव्यापी संघर्ष

प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी स्टीयरिंग कमेटी के वरिष्ठ सदस्य प्रमोद तिवारी ने भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम मे लगी हुई जनता के लाखों करोड रूपये को अडानी के द्वारा वित्तीय नियमो का उल्लंघन कर अपने संस्थान मे लगाए जाने को शताब्दी का सबसे बडा घोटाला कहा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने गुरूवार को संसद भवन से जारी विज्ञप्ति के जरिए हिंडनवर्ग की रिर्पोट के तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि इन तथ्यों से यह साफ हो जाता है कि जनता की भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम मे लगी हुई पूंजी जो उसके भविष्य को सुनिश्चित व सुरक्षित करने के लिए जमा की गयी थी बकौल प्रमोद तिवारी इससे आम आदमी की जमाराशि खतरे मे पड गयी है। सांसद प्रमोद तिवारी ने इस आर्थिक बडे हेरफेर को जनता द्वारा अर्जित उस धन को जो एसबीआई और एलआईसी में जमा किया गया था सीधे तौर पर डाका करार दिया है। कांग्रेस राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने इस मसले पर तल्ख बयान में साफ कहा है कि आननफानन मे जिस तरह से अडानी ने बीस हजार करोड रूपये की धनराशि एफपीओ मे पूंजी निवेश करने वालों को वापस किया है उससे साफ जाहिर है कि दाल मे कुछ काला नही है बल्कि पूरी दाल ही काली है। उन्होनें यह सवाल भी दागा है कि वह कौन सा फार्मूला था जिसके चलते लाखो करोडो का कर्जदार भाजपा की सरकार के खास करके पीएम मोदी को भी निशाने पर रखते हुए प्रमोद तिवारी ने जानना चाहा है कि मोदी के कार्यकाल में भारत और एशिया ही नही बल्कि दुनिया का अडानी नंबर वन का पूंजीपति कैसे हो गया है? राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार पर हमलावर होते हुए यह भी बडा सवाल उठाया है कि यदि इतनी बडी वित्तीय अनियमितता भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम कर रही थी तो हमारी सीबीआई, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) तथा आयकर आदि एजेन्सियां क्या कर रही थी। उन्होने सरकार से कहा है कि वह तस्वीर स्पष्ट करे कि हजारो करोड के इस घोटाले मे यह एजेन्सियां खामोश थी अथवा उन्हें खामोश कर दिया गया। उन्होनें पीएम मोदी के द्वारा वर्ष 2014 में भाजपा को सत्ता मे लाने के लिए देशव्यापी दौरे मे अडानी का ही जहाज अथवा प्लेन इस्तेमाल करने पर भी तंज कसते हुए कहा कि क्या फिर यह वही कर्ज का भार था जो सरकार को चुप रहने को विवश कर रहा है। सांसद प्रमोद तिवारी ने तीखे अंदाज मे कहा कि जिस तरह से इस घोटाले मे लाखों करोड़ो रूपये जनता अथवा तमाम सार्वजनिक संस्थानो का अडानी ने लगाया है और जिसे सरकार ने बंदरगाह और हवाई अडडे समेत तमाम सार्वजनिक संस्थान सौपे हैं तो देश जानना चाहेगा कि सरकार की चुप्पी का आखिर राज क्या है। उन्होने इस घोटाले की केंद्र सरकार से संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी का गठन कर कराए जाने अथवा देश के इस सबसे बडे घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के नेतृत्व में कराए जाने की मांग भी उठायी है। श्री तिवारी ने कहा है कि उच्चस्तरीय जांच से ही सच्चाई जनता के सामने आ सकेगी अथवा देश को एक गंभीर आर्थिक संकट भी सामना करना पडेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार से चेतावनी भरे अंदाज में दो टूक कहा है कि यदि इतने बड़े आर्थिक घोटाले की जांच नही करायी गयी तो देश के सभी विपक्षी दल मिलकर संसद से सडक तक देश की करोड़ो जनता के हित में संघर्ष का विगुल भी बजाएंगे। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान यहां उनके मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत किया गया है।