रिपोर्ट: अविनाश कुमार पाण्डेय
- आसपास के ग्रामीण अंचल में झोलाछाप व निजी दवाखाना संचालित हो रहे हैं, जिनका ना तो स्वास्थ्य विभाग से पंजीयन है और ना ही कोई अनुमति। साठगांठ से चिकित्सा संस्थान संचालित कर कतिपय लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और लाभ उठा रहे हैं।
ऊंचाहार रायबरेली ( अमर चेतना) प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार खतम करने का भरपूर प्रयास कर रही है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत से दर्जनों नर्सिंग होम और अवैध क्लीनिक संचालित की जा रही हैं। जो मनमाने ढंग से मरीजों के जेब पर डाका डाल रही हैं। बेरोजगारी के इस दौर में किसी डॉक्टर के पास रहकर दवाओं की हल्की फुल्की प्राथमिक जानकारी प्राप्त कर लोग क्लीनिक खोल कर चिकित्सक बन बैठे हैं। और लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कई क्लीनिक ऐसी भी हैं जो अपने पास बेड की भी व्यवस्था रखते हैं और मरीजों को भर्ती कर इलाज करते है और मोटी रकम वसूलते हैं। क्षेत्र के बाबूगंज, लक्ष्मीगंज सहित गांवों के गाली मोहल्लों में ऐसी क्लीनिकों के सहारे ही स्वास्थ्य महकमा चल रहा है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार आपको बताते चले की बाबूगंज से रामचंद पुर रोड पर एक क्लीनिक और बाबूगंज नेवादा मार्ग पर क्लीनिक के नाम पर पांच बेड का अस्पताल चल रहा है। अगर बात करें लक्ष्मीगंज की तो पटेरवा सेमरी मार्ग पर कई क्लीनिक अवैध रुप से संचालित हो रही है। इनमे कुछ ऐसी हैं जहां दवाओं को रखने के लिए कोई उचित प्रबंध नहीं हैं तो कई ऐसी हैं जिनका कोई पंजीकरण नहीं हैं। क्षेत्र के कुछ जानकारों की माने तो ये क्लीनिक उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से संचालित होती हैं। जिसमें कुछ निर्धारित रकम हर महीने जिम्मेदारों तक पहुंचा दी जाती हैं। जिसकी वजह से उच्चाधिकारी अनजान बने रहते हैं। देखने वाली बात यह होगी की अवैध रुप से चल रही इन क्लीनिकों पर कार्यवाही कब होती है।