फतेहपुर। करीब पांच दशक पहले नगर पालिका अध्यक्ष व भूमि प्रबंधक द्वारा शहर के शादीपुर खुर्द में एक आवासी पट्टा आवंटित किया गया था, जिसे दबंगों से सांठगांठ कर कूट रचित दस्तावेजों के सहारे नगर पालिका के एक लिपिक ने बिना अभिलेखों की जांच किए ही अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर करा असत्य रिपोर्ट की आख्या हरिहरगंज चौकी प्रभारी को भेज दी है। पीड़ित ने अधिशासी अधिकारी से मामले की शिकायत करते हुए मूल अभिलेखों की जांच करवा कर संबंधित पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
शहर के शादीपुर खुर्द निवासी नवाब आलम ने नगर पालिका सदर के अधिशासी अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि सन 1971 में नगर पालिका अध्यक्ष एवं भूमि प्रबंधक ने उन्हें शादीपुर खुर्द में ढाई बिस्वा भूमि का आवासीय पट्टा आवंटित किया था, जिसका मामला एसडीएम कोर्ट से लेकर प्रयागराज कमिश्नर के यहां तक चला। विचाराधीन मामले में पीड़ित नवाब आलम के पक्ष में ही आदेश हुए, लेकिन विरोधी मोहम्मद मतीन व मोहम्मद वसीम ने नगरपालिका के एक लिपिक को लालच दिया। इसके बाद लिपिक का खेल शुरू हुआ और उसने अभिलेखों की बगैर जांच किये ही कूट रचित रसीद के बलबूते फर्जी अभिलेखों में ईओ के दस्तखत बने असत्य दस्तावेज हरिहरगंज चौकी को भेज दिया। आरोप है कि पुलिस भी फर्जी दस्तावेजों को सही मानकर विरोधियों से सांठगांठ कर पीड़ित को प्रताड़ित कर उक्त भूमि पर कब्जा करवाने का पीड़ित पर दबाव बना रही है। पीड़ित ने अधिशासी अधिकारी से मामले में मूल दस्तावेजों की जांच कर फर्जी दस्तावेजों में आख्या लगा कर पुलिस को सौंपने वाले सम्बंधित लिपिक पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।