– विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने सुनाई सजा, अर्थदंड भी लगाया
बांदा। घर में खेल रही मासूम बच्ची को उसका चचेरा बाबा बिस्किट खिलाने के बहाने उठाकर अपने घर ले गया और वहां पर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इसके बाद मासूम की हत्या कर दी और शव को घर में ही छिपा दिया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने आरोपी चचेरे बाबा को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की भरपाई न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
मरका थाना क्षेत्र के ग्राम समगरा में 18 अप्रैल 2021 को घर में खेलते हुए पांच वर्षीय मासूम लापता हो गई। खोजबीन के दौरान पता चला कि उसे उसका चचेरा बाबा रामबहादुर प्रजापति पुत्र गंगवा बिस्किट खिलाने के लिए दुकान की तरफ ले गया था। परिजनों ने रामबहादुर को पकड़कर जब उससे सख्ती से पूछतांछ की तो उसने अपना जुर्म कबूलते हुए मासूम का शव अपने घर से बरामद कराया। मासूम के बाबा विजयपाल की तहरीर पर 19 अप्रैल 2021 को आरोपी रामबहादुर प्रजापति के विरुद्ध धारा 376एबी, 302, 201, 377 आईपीसी व 5/6 पाक्सो एक्ट के तहत थाने में मुकदमा पंजीकृत हुआ। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत में चल रही थी। मुकदमे की पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता कमल सिंह ने छह गवाह पेश किए। शासकीय अधिवक्ता श्री सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट श्रीमती अनु सक्सेना ने साक्ष्यों व दलीलों के आधार पर रामबहादुर प्रजापति को दोषी पाया और उनके द्वारा धारा 302 व पाक्सो एक्ट 5/6 इन दोनो धाराओं में अलग-अलग आरोपी को मृत्युदंड व एक-एक लाख अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं धारा 376 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बताया कि न्यायाधीश ने फैसले में लिखा है कि मुल्जिम रामबहादुर को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।