भ्रष्टाचार की हदें पार राशन कार्ड बनवाने के लिए चुकानी पड़ती है रकम
कार्यालय में तैनात कर्मचारी रोहित ने कहा साइट बंद है
ऊंचाहार रायबरेली (एसीन्यूज) देश की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार विरोधी होने का दावा करती रही हो लेकिन भ्रष्ट अधिकारी आज भी अपनी करतूतों से नहीं बाज आ रहे हैं। और उन्हें किसी का डर भी नहीं है। क्योंकि उन्होंने एजेंटों का चुनाव बहुत ही सावधानी पूर्वक किया है जिससे किसी को भ्रष्टाचार होने का अंदेशा भी ना हो। हम बात कर रहे हैं आपूर्ति विभाग के कार्यालय की जो की ऊंचाहार के तहसील परिसर में ही स्थित है । सूत्रों की मानें तो यहां पर अगर कोइ राशन कार्ड सम्बन्धित कार्य के लिए जाता है तो उसे मौखिक रूप से कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों के द्वारा लूट चालीसा सुनाई जाती है जिसमे नए कार्ड बनवाने से लेकर राशन कार्ड से यूनिट कटवाने तथा जुड़वाने तक की संपूर्ण रेट लिस्ट होती है। लेकिन लूट चालीसा सुनाने से पहले आपको आपके गांव के कोटेदार के पास जाने की सलाह दी जाएगी और बताया जाएगा। कि आप अपने कोटेदार को राशन कार्ड का आवेदन पत्र और छः सौ रुपए दे दीजिए। अभी यहां साइट नहीं चल रही। या फिर यह कहा जायेगा की अभी सप्लाई इंस्पेक्टर फील्ड में गए है। कुल मिलाकर आपको अपने गांव के कोटेदार से मिलना पड़ेगा और उन्हें निर्धारित राशि देनी पड़ेगी। लेकिन काम की कोई गारंटी नही होगी। ऐसे भ्रष्टाचारी अधिकारियों की वजह से गरीब परिवार राशन कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं। क्योंकि उनके पास अधिकारियों को देने के लिए चढ़ावा नहीं होता। राशन कार्ड बनवाने के दौरान होने वाले भ्रष्टाचार की चर्चाएं हर चौक चौराहों पर आपको सुनने को जरूर मिल जायेगी। खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों और उनके नुमाइंदों की रेट लिस्ट लगभग हर व्यक्ति को पता है। लेकिन ज़िम्मेदार इस कारनामे से अनजान बने बैठे हैं। अब देखने वाली बात होगी की आला अधिकारी कब इन बेलगाम हो चुके भ्रष्ट कर्मचारियों पर कार्यवाही करते हैं। या फिर गरीबों के निवाले पर ऐसे ही लूट होने देंगें।