निकाय चुनाव को टालने की भाजपा ने की साजिश
सपा की सोच, नीयत और नीति ठीक नहीं
जीएसटी के जंजाल से व्यापारी परेशान
लखनऊ, 30 दिसम्बर। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को यूपी और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारी और नेताओं के साथ पार्टी मुख्यालय में बैठक की। एक दिवसीय बैठक में मायावती ने आने वाले आंग्ल वर्ष 2023 की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जोश भरते हुए नए साल में नए उत्साह व उमंग के साथ अनुकूल हो रहे माहौल में जनाधार को तेजी से बढ़ाकर पार्टी व मूवमेंट को चुनाव जीतने योग्य मजबूत बनाने के लिए नई रणनिति पर पूरे जी-जान से लगने का आह्वान किया।
बसपा प्रमुख मायावती ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस और भाजपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियां आरक्षण विरोधी है। यही कारण है कि इन दोनों पार्टियां ने मिलकर पहले एससी और एसटी वर्ग के उत्थान के लिए उनके आरक्षण को संवैधानिक अधिकार को लगभग निष्क्रिय एवं निष्प्रभावी बना दिया। अब वहीं रवैया ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ ही हर जगह किया जा रहा है। इनके इसी जातिवाद द्वेषपूर्ण रवैये आदि के कारण सरकारी विभागों में इनके आरक्षण के हजारों पद वर्षों तक खाली पड़े हुए हैं।
मायावती ने समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला। कहा कि इस मामले में सपा की भी सोच, नीति व नीयत ठीक नहीं है, जिसके अनेकों उदहारण हैं। जबकि बसपा ने केवल पार्टी स्तर पर ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी की यूपी में अब तक रही चारों सरकार में भी ओबीसी वर्ग के साथ-साथ सर्वसमाज के लोगों को पूरा-पूरा आदर व सम्मान दिया। विशेष भर्ती अभियान चलाकर सभी रिक्त सरकारी नौकरी के पदों को भरा गया। बसपा बातें कम और काम अधिक करने वाली पार्टी है अर्थात ‘हम जो कहते हैं वह करके भी दिखाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि गरीबों की लाचारी व युवाओं की बेरोजगारी दूर करने, त्रस्त करती महंगाई को कम करने और लोगों को अच्छे दिन लाने की बात कहने वाली भाजपा सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंदर है। भाजपा के खास रहे व्यापारी वर्ग भी जीएसटी के जंजाल से काफी तंग व बेहाल हैं। यूपी में जीएसटी की छापेमारी व इनके इंस्पेक्टर राज आदि से परेशान होकर व्यापारी आंदोलन करने को मजबूर हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि देश के करोड़ों शिक्षित वर्ग रोजगार न पाकर अपने अच्छे दिन के लिए तरस रहे हैं। सरकारी वायदे व घोषणाएं अब उन्हें घुमाने लगी हैं। सरकार की गलत नितियों व कार्यकलापों, इनके द्वेषपूर्ण एवं अहंकारी रवैये आदि के साथ ही जनता अपनी गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, बदहाल शिक्षा व स्वास्थ्य एवं तनावपूर्ण माहौल आदि जीवन जीने को मजबूर हैं। यहीं कारण है कि भाजपा सरकार किसी न किसी बहाने चुनाव को टालते रहने का अनुचित प्रयास लगातार करती रहती है।