ऐहारी बुजुर्ग स्थित सोनारे बीर बाबा मन्दिर पर हुआ भंडारे का आयोजन
अमर चेतना ब्यूरो
ऊंचाहार रायबरेली। इस कहानी की शुरूआत सात वर्ष पूर्व हुई जब दो व्यक्ति अपने खेतों के पास कार्य कर रहे थे। और जेठ की खड़ी दोपहर में भूख प्यास से व्याकुल हो रहे थे । उनके पास फोन भी नही था कि वो अपने घर फोन करके कुछ मंगवा सकें। तभी अचानक एक बच्चा हाथ में हलुआ पूड़ी और पानी लेकर आया और बोला दादा प्रसाद ले लीजिए। भूख प्यास से व्याकुल दोनों लोगों को मानो संजीवनी मिल गई हो उन्होने प्रसाद खाकर पानी पिया लेकिन मन ही मन वो इस बात को भगवान का चमत्कार ही मान रहे थे। इस सच्ची घटना की शुरूआत ऐहारी बुजुर्ग की सिद्ध पीठ सोनारे बीर बाबा मंदिर से होती है जो की एक बड़े तालाब के किनारे ऊंचे टीले पर स्थित है । ऐहारी बुजुर्ग गांव के अनिरूद्ध शुक्ल जो की अब करीब 60 वर्ष के हैं और दयाराम 50वर्ष ये दोनों लोग बताते हैं की खेतों पर काम करते समय बेहाल हो रहे थे तभी उस सुनसान जगह पर ऐसे कोई प्रसाद लेकर आएगा सोचा भी नहीं था वह बच्चा भगवान का दूत बनकर आया हमारी भूख प्यास मिटाई तभी से मेरे अंतर्मन ने हम लोगों कोई झकझोर दिया की इतना छोटा बच्चा इतनी कम उम्र में भंडारा करवा रहा है और हम कुछ भी सेवा नहीं कर पा रहे हैं। खेतों से आकर अनिरुद्ध शुक्ल ने यह बात अपने छोटे भाई राकेश शुक्ल से बताई तभी से लगातार सात वर्ष से ऐहारी बुजुर्ग के सिद्ध पीठ सोनारे बीर बाबा मंदिर पर वट सावित्री की पूजा के दिन तीनों लोगों द्वारा भंडारे का आयोजन होता है। जिसमें हजारों भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भंडारा वट सावित्री की पूजा के दिन हुआ। गांव के मुरारी शुक्ल बताते हैं की आज तक जिसमे सोनारे बीर बाबा से जो मांगा है उसकी हर मुराद बाबा ने पूरी की है। यहां दूर दूर से लोग मनोकामना लेकर आते हैं और झोली भरकर जाते हैं। इस अवसर पर राजा भईया, आनंद पण्डित, युवराज पाण्डेय , अर्जुन, निशांत, दुर्गेश शुक्ल, बीरू सहित सैकड़ों ग्रामवासी मौजूद रहे।