फतेहपुर| हसवा विकास खंड क्षेत्र के नरैनी गांव में श्री भैरव विराट कवि सम्मेलन का आयोजन एवं रामलीला महोत्सव के अंतर्गत पहली बार आयोजित हुआ।रचनाकारों ने अपनी काव्य प्रस्तुति से उपस्थित भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया।इसके पहले मेला अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह लाला भैया ने जनपद के जाने माने शायर शिवशरन बधु (वरिष्ठ पत्रकार) को माल्यार्पण करते अन्य रचनाकारों का माल्यार्पण एवं स्वागत किया गया।रचनाकारों ने जहां हास्य-व्यंग्य से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया।वहीं नारी सशक्तिकरण एवं बेटियों के सम्मान में उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत की गईं।गीत ग़ज़ल की बारिश भी हुई तो ओज के बादल भी गरजे।
कवि एवं शायर शिवशरण बंधु हथगामी ने कहा कि माँ जब तक जिंदा रहूँ तेरे चरणों का आशीर्वाद रहे! कुशल संचालन में आयोजित विराट कवि सम्मेलन का प्रारंभ लोक भाषा में हास्य व्यंग के सशक्त हस्ताक्षर समीर शुक्ल की वाणी वंदना से हुआ।रायबरेली से आईं सानिया सिंह ने भ्रूण हत्या के विरुद्ध गीत प्रस्तुत किया तो बड़ी संख्या में उपस्थित मातृ शक्तियों ने उनका तालियों से अभिनंदन किया-हे माई यूं ना मार मुझे,दे जीने का अधिकार मुझे,इस प्यारी प्यारी दुनिया का कर लेने दे दीदार मुझे।जाने-माने कवि एवं शायर शिव शरण बंधु हथगामी ने जहां एक ओर तूफा में भी चराग जलाती हैं बेटियां वाली चर्चित रचना प्रस्तुत की, वहीं उन्होंने पढ़ा-दुश्मन को मेहमान बना लो,जीवन को आसान बना लो,बहुत कर चुके हिंदू मुस्लिम,खुद को अब इंसान बना लो।समीर शुक्ला की हास्य रचनाओं ने धमाल मचा दिया।
रायबरेली से चलकर आए मधुप श्रीवास्तव नर कंकाल ने हास्य व्यंग की टिप्पणियों एवं रचनाओं से श्रोताओं को खूब आनंदित किया-पर्दा गिराओ पर्दा उठाओ,खाली जनता को उल्लू बनाओ।हम इश्क में इस कदर मटियामेट हो गए,माशूका की शादी हो गई दो दिन लेट हो गए। युवा कवियों के आदर्श बन रहे कौमी एकता के गायक शिवम हथगामी ने पढ़ा-लड़ाओ तुम भले शहरों में हिंदू और मुसलमां को,हमारे गांव में मुंडन अभी रहमान करते हैं।कानपुर से आए युवा कवि राहुल पांडेय ने वीर रस की रचनाओं के साथ-साथ सीमा शहीद परिवार की व्यथा को काव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि माँ तेरे जमी पर कोई भी आतकवाद आयेगा तो सीने में गोलियों की बौछार कर के मार दूगां!श्रोता बेहद भावुक हो गए।प्रयागराज के आशीष कवि गुरु ने अपनी रचनाओं से छोटे पल में कहा कि तेरे एहसान से मै जिंदा हूँ वरना तेरे दुनिया से कब चला जाता, जब जन्म लिया था तो माँ के आचल में सो कर उठा ,जब जवानी मिली तो माँ- बाप को रूलाया! श्रोताओं को बहुत प्रभावित किया।
बाराबंकी से आए हास्य कवि आकाश उमंग ने सुनाया-पहले मुझसे ब्याह रचाया फिर उसने,इक दिन मुझको रड़ुआ करके छोड़ दिया।कवि सम्मेलन में,कुमार सौष्ठव,नीलेश मौर्य निडर,श्रवण कुमार लोधी आदि ने भी काव्य पाठ किया।इस मौके पर,मेला अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह लाला भैया ने श्रेष्ठ रचनाएं सुनाने के लिए रचनाकारों के प्रति आभार प्रकट किया।संजीव कुमार सिंह,मुकेश पिंटू सिंह,अशोक सिंह,सूरज अग्रहरि,कुंभकर्ण पांडेय,प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव,भगौती बाबा,हीरा बाबा,सचिन सिंह,विकास त्रिपाठी,दीनू शर्मा,अनेक सिंह,राजीव सिंह,राजू सिंह,सनेही बाबा सहित दर्जनों विशिष्ट लोगों ने भी कवि सम्मेलन में मैहजूद रहे!