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लखनऊ में 40,000 की कर चोरी बदली छह करोड़ में
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-जीएसटी चोरी का नया तरीका देख प्रवर्तन टीम के उड़े होश
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– ई-वेबिल बनवाने के दो घंटे बाद कर दिया गया निरस्त
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-इस वित्तीय वर्ष में 921 गाड़ियों का ई-वेबिल जारी कराकर कुछ घंटों बाद उसे निरस्त कराकर की गई करोड़ों की GST चोरी
लखनऊ (अमर चेतना)। सीएम के निर्देश पर टैक्स चोरी पर प्रवर्तन दलों की सख्ती के बाद हुई जांच में एक बड़ा मामला सामने आया है। सीतापुर रोड पर जीएसटी की टीम ने एक ट्रक को रोका। उस पर करीब दो लाख की संभल की लकड़ी लदी हुई थी। कागजात तलब करने पर जब ई-वेबिल देखा गया तो पता चला कि इसे बनवाने के दो घंटे बाद निरस्त कर दिया गया। बावजूद इसके माल परिवहन किया जा रहा था। प्रवर्तन टीम ने कार्रवाई करते हुए करीब 40,000 रुपये जमा कराए। शक की होने पर फर्म की जांच शुरू कर दी। जांच में पता चला कि, इस वित्तीय वर्ष में 921 गाड़ियों का ई-वेबिल पहले जारी कराया गया और उसके कुछ घंटों बाद उसे निरस्त करा दिया गया। जीएसटी चोरी का यह तरीका देख अधिकारी सकते में आ गए।
दरअसल ई-वेबिल निरस्त कराने का आशय होता है कि पहले माल किसी फर्म को भेजा जाने वाला था। अपरिहार्य कारणों से उसका परिवहन नहीं हो सका। ऐसे में व्यापारी ने कारोबार न करने पर ई-वेबिल को निरस्त कर दिया।
एडिशनल कमिश्नर भूपेंद्र शुक्ला ने बताया कि इस अजब तरीके को देख प्रवर्तन टीम सन्न रह गई। अब तक जितने भी ई-वेबिल निरस्त कराए गए हैं उनका मूल्य करीब सवा छह करोड़ 83 लाख है। व्यापारी पर करीब सवा करोड़ से अधिक की देनदारी बनती है। प्रवर्तन टीम ने फर्म पर कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी कर दिया है। फर्म सीतापुर स्थित तंबौर के पुरानी बाजार क्षेत्र से पंजीकृत है। फर्म को पेंट और वार्निश के लिए रजिस्टर्ड कराते हुए छोटे व्यापारी के रूप में समाधान योजना के तहत पंजीकरण कराया गया है। टैक्स न जमा कराने पर विधिक कार्यवाही करते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी जाएगी। ज्वाइंट कमिश्नर संत कुमार जैन, डिप्टी कमिश्नर दिनेश पाल और सहायक कमिश्नर अनिल कुमार ने की। वाणिज्यकर आयुक्त ने मामले में सचल दल की टीम की हौसला आफजाई करते हुए सुपाड़ी समेत अन्य ट्रेड में की जा रही टैक्स चोरी पर कड़ी कार्यवाही के आदेश दिए हैं।