बिसण्डा ब्लाक के रानीपुर गांव में हार्टअटैक से हुई मौत को बताया हत्या
बांदा (Amar chetna ) । उत्तर प्रदेश में पुलिस जमकर मशक्कत करती है इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन झूंठी जानकारी देने वालों से क्यूं हार जाती है? यह समझ से परे है! मसला बिसण्डा ब्लाक के रानीपुर गांव का है। जहां के रामसेवक(35) की हार्टअटैक से आज मौत हो गई है। चूंकि रामसेवक वर्तमान प्रधान उग्रसेन राजपूत के परिवार से का है। ऐसे में प्रधान को साजिश के तहत कैसे फंसाया जाये, विरोधियों ने तरीका निकाला था। प्रधान उग्रसेन श्रावण मास में आज ही कन्या भोज का आयोजन किया था। कुछ एक कार्यों की शुरुआत हुई ही थी , कि अचानक रामसेवक की हार्टअटैक से मौत हो गई और विरोधियों को मौका मिल गया। सूत्रों की मानें तो पुलिस महानिरीक्षक सहित पुलिस कप्तान को फोनकर जानकारी दी गई कि प्रधान के यहां से भोजन कर आये रामसेवक की मौत हो गई है। प्रधान ने खाने में जहर देकर मार दिया है। उच्चाधिकारियों ने कमासिन थानाध्यक्ष को जानकारी दी और वो मौके पर पहुंचे तो पीड़ित परिजनों ने बकायदा लिखित में विस्तृत जानकारी दी कि उनके पथरी का इलाज बीते 5-6 सालों से चल रहा था। आज उनकी हार्टअटैक से मौत हुई है न कि उनकी हत्या की गई है। लिखित बयान में उनके पुत्रों सहित परिजनों ने गवाही दी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस को गुमराह करने वालों पर पुलिस कार्यवाही करेगी? या फिर वो फिर गांव की गलियों में घूम घूम कर यह कहेंगे कि पुलिस उनकी उंगली में नाचती है,जब चाहते हैं , बुला लेते हैं। वहीं रानीपुर प्रधान के मुताबिक उनके खिलाफ एक बार फर्जी छेड़खानी का आरोप भी लगया गया था हालांकि पुलिस ने हकीकत को समझा और उनके ऊपर कोई रिपोर्ट नहीं लिखी गई। प्रधान ने यह भी बताया कि उनके विरोधियों से उनकी जान को खतरा बना ही रहता है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही रानीपुर गांव से गांव के ही बीरेंद्र सिंह व सत्तू नाई ने मिलकर एक बालक का अपहरण कर लिया था जो पुलिस के चुनौती बना था। हालांकि पुलिस के मुताबिक दूसरे दिन बालक को सकुशल बरामद कर लिया गया था। उस प्रकरण में पुलिस का साथ देने से प्रधान पर आरोपी पक्ष हमला करने की योजना बनाता रहता है।