फतेहपुर। रक्षाबंधन का उल्लास दोआबा की सरजमी देखते बना। बहनों ने रोचना करके भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और मिठाई खिलाकर बहन का अधिकार मांगा। भाइयों ने उपहार देकर हमेशा दुख व सुख में साथ रहने का वचन दिया।
भाई बहन के प्यार का प्रतीक राखी का त्योहार संबंधों की प्रगाढ़ता का परिचायक भी बना। दूरदराज रहने वाली बहने और उनके भाई, मिलने को लंबी दूरी नाप कर आए। जो ऐसा नहीं कर सके, उन्होंने कॉल करके, व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर या फिर वीडियो कॉलिंग कर रक्षाबंधन का एक- दूसरे का आशीर्वाद लिया। बहनों ने भाइयों के माथे पर टीका लगाकर रक्षा सूत्र बांधा और मिठाई खिलाई। भाइयों ने अपनी सामर्थ्य भर प्यारी बहनों को उपहार भेंट किए। रक्षाबंधन के चलते यातायात पर खासा लोड रहा। रोडवेज की बसों में महिलाओं को मुफ्त में यात्रा कराए जाने के कारण भीड़ बढ़ गई। जिससे तमाम महिलाओं को खड़े होकर यात्रा करना पड़ा। वहीं बड़ी संख्या में महिलाओं को ज्वालागंज बस स्टॉप में बसों का इंतजार करते देखा गया। कानपुर जाने को एक के बाद दूसरी बस छोड़ रही बिलंदा की रागिनी हो या फिर लखनऊ जाने वाली बस के लिए बैठी बाकरगंज की रामसखी। इन सभी को मुफ्त बस सेवा के चलते उमड़ी भीड़ का शिकार होना पड़ा।
मिठाई की दुकानों में शनिवार देर रात तक भीड़ लगी रही। रविवार की सुबह छह बजे से ही लोग मिठाई खरीदने को पहुंचने लगे। नामचीन दुकानों में इस तरह के हालात ज्यादा देखने को मिले। सुबह के 10 बजते- बजते इन दुकानों में खड़ा होना मुहाल रहा। कुछ दुकानों में अच्छी मिठाइयां खत्म हो गई। ड्राई स्वीट की भी यही स्थिति बन गई।