Monday , December 23 2024

या हुसैन की गूंजी सदाएं, हर कोई गमगीन

रायबरेली : दसवीं मुहर्रम पर हर ओर या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कुछ जगह जुलूस निकले। सीनाजनी व जंजीर का मातम कर ताजिये कर्बला में दफन किए गए।

नगर के कहारों का अड्डा, खाली सहाट, तिलियाकोट आदि जगह लोगों ने घरों में ही ताजिया रखकर मातम मनाया। बाद में कर्बला ले जाकर दफन किया। इस दौरान हर कोई गमगीन रहा।

ऊंचाहार में खामोश जुबां, आंखों में आसूं लिए शिया समुदाय के लोगों ने मातम मनाया। हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की याद में हर चेहरे गम में डूबे रहे। असगर नकवी ने कहा कि कर्बला की घटना आतंकवाद के विरुद्ध पहली जंग थी। हजरत इमाम हुसैन इंसानियत, इस्लाम और भाईचारे के लिए आतंकी फौज से लड़ रहे थे, जिसमें उन्होंने अपने कुनबे को खो दिया। इसके बाद भी आतंकवाद के सामने नहीं झुके। ओबैस नकवी ने कहा कि इमाम हुसैन का यहां से गहरा रिश्ता था, इसलिए हिदुस्तान आना चाहते थे। मो. फारूक, असद रिजवी, आरिस नकवी, अरसद नकवी, शानू नकवी आदि मौजूद रहे। नगर पंचायत परशदेपुर में दसवीं मुहर्रम पर लोगों ने सीना•ानी और जंजीर का मातम करते हुए कर्बला में ताजिया दफन किया। डॉ. आमिर मेहंदी ने अब्बास उठाओ अली अकबर का जना•ा, उठता नहीं मुझसे मेरे दिलबर का जना•ा.. सुनाया तो लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े। राजू, संजय व इनकी मां रोनी देवी ने भी ताजिया रखा था।

डलमऊ में मुस्लिम धर्म गुरुओं व प्रशासन की अपील का असर ताजियादारों पर साफ दिखा। लोगों ने घरों में ही ताजिया के आगे मातम किया। धमधमा, डलमऊ, घुरवारा, धई जलालपुर आदि गांवों में तहसीलदार प्रतीत त्रिपाठी, एसडीएम रामकुमार शुक्ल, डलमऊ कोतवाल बृज मोहन सिंह, गदागंज थाना प्रभारी अमरनाथ यादव मौजूद रहे। शिवगढ़ के ग्राम पंचायत बैंती में 100 से अधिक ताजिया सुपुर्द-ए-खाक की गई।

ताजिया जुलूस निकालने पर विरोध, पुलिस ने कराया शांत

खीरों : जगन्नाथगंज मजरे सेमरी में गुरुवार की रात ताजियादारों ने जुलूस निकालकर मातम मनाया। इस दौरान गांव के एक धार्मिक स्थल पर डीजे रखकर या हुसैन के नारे लगाने लगे। ग्रामीणों ने विरोध करते हुए पुलिस को सूचना दे दी। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कर दिया गया है।