Monday , December 23 2024

बच्चों के स्वास्थ्य जांच में लापरवाही पर होगी कार्रवाई: डीएम

– राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यों की हुई समीक्षा

बांदा। जिलाधिकारी दीपा रंजन की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किये जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत जनपद के विभिन्न विद्यालयों एवं आंगनबाडी केन्द्रों में अध्ययनरत बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की समीक्षा करते हुए आरबीएसके टीम के सदस्यों को निर्देश दिये कि प्रत्येक बच्चे का गुणवत्तायुक्त रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए तथा कमजोर व गंभीर रूप से बीमार बच्चों को चिन्हित करते हुए, उन्हें चिकित्सीय इलाज के लिए सम्बन्धित अस्पतालों में भेजा जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीमों के द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य जांच के कार्य में किसी प्रकार की कमी एवं शिथिलता पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जायेगी।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत टीम के सदस्यों से बच्चों की विभिन्न बीमारियों के स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुए निर्देश दिये कि यदि किसी प्रकार के उपकरण एवं मशीन की आवश्यकता हो तो तत्काल अवगत करायें। उन्होंने निर्देश दिये कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए टीमें जब भी भ्र्रमण पर जाएं तो सम्बन्धित ग्राम प्रधान तथा सम्बन्धित विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्र्र के अधिकारी, अध्यापक को अवश्य सूचित करते हुए उनका सहयोग प्राप्त कर अधिक से अधिक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि स्वास्थ्य जांच के दौरान जो बीमार व जिनके शरीर में किसी प्रकार की बीमारी के लक्षण मिलते हैं, उन सभी शत-प्रतिशत बच्चों को चिन्हित करते हुए चिकित्सीय इलाज के लिए जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज एवं अन्य उच्च स्तरीय चिकित्सीय अस्पतालों में रिफर कर उनका इलाज कराया जाए। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने विकास खण्ड बिसण्डा में स्वास्थ्य परीक्षण के अन्तर्गत लक्ष्य के अनुरूप बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण में कमी पाये जाने पर टीम के द्वारा सभी विद्यालयों के बच्चों का स्वास्थ्य जांच कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने विकास खण्ड तिन्दवारी एवं बबेरू में बीमार एवं कमजोर चिन्हित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए उच्च स्तरीय चिकित्सीय अस्पतालों में रिफर करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में 16 टीमें गठित हैं, जिनमें 02 चिकित्सक, 02 पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मी भ्रमण कर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि कार्यक्रम की नियमित समीक्षा करते हुए इसमें और बेहतर कार्य कराएं। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं विद्यालयों के बच्चों की स्वास्थ्य की जांच की गई है, उनके स्वास्थ्य जांच का कार्ड भी बनाया जाए, जिससे कि बीमार एवं कुपोषित बच्चों का समय-समय पर इलाज की व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी हो सके। उन्होंने गरीब व्यक्तियों के बच्चों एवं अति गम्भीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को स्वास्थ्य जांच में ग्रसित पाए जाने पर उनके इलाज के लिए आयुष्मान गोल्डन कार्ड को भी बनावाये जाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वेदप्रकाश मौर्या, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी डा. आरएन प्रसाद सहित चिकित्सक, एएनएम एवं स्वास्थ्य टीम के पैरामेडिकल स्टाफ आदि भी उपस्थित रहे।