गौरतलब है कि कमीशन कार्यवाही के दौरान मिले कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे एएसआई से कराए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. 16 मई 2022 को कमीशन की कार्यवाही के दौरान कथित शिवलिंग बरामद हुआ था. कार्बन डेटिंग की अनुमति नहीं दिए जाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष ने यह याचिका दाखिल की है.
वाराणसी जिला जज की कोर्ट ने की थी अर्जी ख़ारिज
दरअसल, जिला जज वाराणसी ने 14 अक्टूबर 2022 को कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दी थी. इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से सिविल रिवीजन दाखिल की गई है. 30 नवंबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एएसआई से पूछा था कि क्या बिना नुकसान पहुंचाए हुए कार्बन डेटिंग की जा सकती है? इस मामले में एएसआई को अपना जवाब दाखिल करना है. बता दें कि आशंका व्यक्त की गई थी कि कार्बन डेटिंग से कथित शिवलिंग को नुकसान हो सकता है. जिसके बाद वाराणसी की अदालत ने साइंटिफिक सर्वे कराने की अर्जी खारिज कर दी थी.