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मीरजापुर: 52 मुकदमे में 75 आरोपितों को दिलाई गई कोर्ट से सजा

पीड़ितों को न्याय दिलाने में पुलिस करे प्रयास : डीआइजी
तीनों जिलों की पुलिस ने न्यायालय में लगातार की पैरवी

मीरजापुर। डीआइजी आरपी सिंह के निर्देश पर अपराधियों को उनके गुनाह की सजा दिलाने के लिए लोक अभियोजन की ओर से मजबूत पैरवी की गई। पुलिस ने वैज्ञानिक विवेचना, अचूक साक्ष्य संकलन एवं त्वरित विवेचनात्मक कार्यवाही कर आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय को प्रेषित किया। इसका परिणाम रहा कि अभियोजक पक्ष की ओर से 52 मुकदमों में 75 आरोपितों को न्यायालय से सजा दिलाई गई।

सोनभद्र में एक मुकदमे में दो अभियुक्तों को दुष्कर्म से संबंधित प्रकरण में अर्थदंड सहित 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा, दूसरे मुकदमे में चार आरोपितों को पाक्सो एक्ट में अर्थदंड सहित तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दिलाई गई। वहीं तीसरे मुकदमे में एक आरोपित को गंभीर चोट के आरोप में अर्थदंड सहित दो वर्ष छह माह का कारावास की सजा दिलाई। चौथे मुकदमे में एक आरोपित को दहेज प्रतिषेध अधिनियम में अर्थदंड सहित दो वर्ष छह महीनें की साधारण कारावास की सजा दिलाई गई। इसी प्रकार दो मुकदमे में दो-दो आरोपितों को लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने के आरोप में अर्थदंड सहित जेल में बिताई गई अवधि के बराबर कारावास की सजा, एक मुकदमे में दो आरोपितों को गैरइरादतन हत्या के आरोप में अर्थदण्ड सहित आजीवन कारावास की सजा मिली। इसी प्रकार कुल 52 मुकदमे में 75 आरोपितों को कोर्ट से सजा दिलाई गई।