प्रतापगढ़। नगर के नेताजीपुरम् में हो रही श्रीमदभागवत कथा में चौथे दिन बुधवार को कथा व्यास श्रीधाम वृंदावन से पधारीं देवी रश्मि किशोरी जी ने कहा कि परमात्मा की कृपा का फल उसे ही मिला करता है जो भगवान का भजन समर्पण भाव से किया करते हैं। उन्होने कहा कि नारी की सबसे बडी शक्ति उसका पतिधर्म का निर्वहन है। उन्होनें कहा कि भारतीय नारियां इसलिए जगत में वंदनीय स्वीकार की जाती है कि वह स्वयं संस्कारवान होते हुए संस्कारवान पीढ़ी की निर्माणशाला हैं। उन्होनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की समस्त लीलाएं भक्त को प्रभु की प्राप्ति के लिए नैतिक धर्म का उपदेश दिया करती है। देवी रश्मि किशोरी जी ने कहा कि भगवान की कृपा से ही जगत को समस्त वैभव के अलंकरण को सुशोभित बनाए रखने का एक मात्र सुमार्ग हुआ करता है। कथा की संयोजिका मालती देवी एवं अनिल कुमार ने कथाव्यास का श्रीअभिषेक किया। इस मौके पर पवन शुक्ला, जीत लाल गुप्ता, मिथलेश जायसवाल, राजेश मिश्र, आईपी मिश्र, रीता देवी, अधिवक्ता शुभम, संतोष द्विवेदी, सुनील कुमार गुप्ता, निधि मोदनवाल, राज मोदनवाल, नेहा, स्नेहा, शिव देवी, रामसेवक, बब्लू, प्रमोद, दिलीप, विनोद, राधेश्याम, उदयशंकर दुबे, सुनील तिवारी, पं. श्रीकृष्ण तिवारी व नीरज सिंह आदि रहे।