लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोशाला चलाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए एक सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गोशालाओं का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाए। साथ ही उन्हें नेचुरल फार्मिग, गोबर पेंट, सीएनजी और सीबीजी से जोड़ा जाए। इससे गोशालाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी और गायों के रखरखाव एवं पालन पर आने वाला खर्च खुद उठा सकेंगी। सीएम योगी ने कहा कि गोशाला संचालन के लिए इच्छुक एनजीओ के साथ एमओयू करें और उन्हें आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को वृहद गौ आश्रय स्थल के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। इस दौरान पशुधन मंत्री के साथ ही वित्त, ऊर्जा, पंचायतीराज, ग्राम विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान उत्तर प्रदेश में दो से तीन हजार गोवंश धारण की क्षमता वाले आश्रय स्थलों के निर्माण को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया गया। सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई गई सहभागिता योजना को पूरे प्रदेश में तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाए। इस योजना के तहत निराश्रित गोवंश को पालने वाले किसानों को प्रति गोवंश 900 रुपये मासिक दिए जा रहे हैं। भू सत्यापन के बाद किसानों को उनका भुगतान किया जाए।