फतेहपुर, 03 जनवरी। जिले में मंगलवार को सरकार व समाज के साथ मिलकर मां गंगा को अपने पुराने स्वरूप में लाने पर चर्चा के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रकल्प गंगा समग्र की एक दिवसीय बैठक आर्य समाज भवन में संपन्न हुई।
गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष ने बताया कि प्रकृति प्रदत्त सुविधाओं का इंसान के द्वारा दुरुपयोग किये जाने का ही परिणाम है कि मानव जाति के समक्ष प्राणघातक अशुद्ध जल, जहरीली हवा के साथ कोरोना जैसी महामारी आई।
उन्होंने गंगा की अविरलता और निर्मलता बनाए रखने के साथ-साथ गंगा घाटों पर आरती करने पर बल दिया, जिससे मोक्षदायिनी गंगा के प्रति आस्था के साथ लोग अपनी जिम्मेदारियों को स्वीकार करें। भारत के लोगों की जीवन रेखा गंगा, सिर्फ नदी नहीं अपितु जीवन की प्रेरणा है। गंगा की निर्मलता के लिए केंद्र सरकार नमामि गंगे के माध्यम से अच्छा प्रयास कर रही है। बड़े-बड़े शहरों में गंगा में गिर रहे गंदे पानी का सीवरेज को रोकने का काम किया जा रहा है जिससे घाटों का उद्धार हो रहा है। पर हमें भी अपना दायित्व समझना होगा।
उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 10 से 13 फरवरी को बेगूसराय बिहार में राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है। इस सम्मेलन में देशभर के 1000 से भी ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस अवसर पर प्रांत के सह संयोजक अजमेर सिंह, प्रांतीय सदस्य कुलदीप सिंह भदौरिया, प्रवीण पाण्डेय, जिला संयोजक अरुण सिंह,सह संयोजक संतोष तिवारी, धीरज राठौर, कपिल उपमन्यु, कमलनयन बाजपेई, गंगा वाहिनी जिला संयोजक सुयश गौतम, सह संयोजक अंकित जायसवाल, निर्देश द्विवेदी, आलोक श्रीवास्तव, देव नारायण, वरुण तिवारी अजय कुमार, मोनू मौर्य, प्रशांत राम नारायण, वंदना द्विवेदी, अपर्णा पांडे, मंजू शुक्ला, राहुल वर्मा, सुमित द्विवेदी, उदित पांडेय, खागा संयोजक रामप्रसाद विशकर्मा, सह संयोजक राजेश, सीताराम पासवान, शेर सिंह समेत कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।