बांदा, 03 जनवरी। शासन के निर्देश पर जनपद के उचित दर विक्रेताओं द्वारा प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत गरीबों को लगातार खाद्यान्न वितरण किया जा रहा हैं। लेकिन इन्हें माह जून 2022 से अभी तक किसी प्रकार का लाभांश व भाड़ा प्राप्त न होने से सभी कोटेदार कर्ज में डूब गए हैं और कर्ज लेकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। इनका कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो इस वर्ष जनवरी से खाद्यान्न वितरण का कार्य ठप हो सकता है।
इस बारे में ऑल इंडिया फेयर प्राइज शॉप डीलर्स फेडरेशन इकाई बांदा के मीडिया प्रभारी रवींद्रनाथ ने मंगलवार को बताया कि जनपद में ब्लॉक वार विक्रेताओं के भुगतान पूर्व के कई माह के भुगतान अवशेष पड़े हैं। जिस कारण विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो रही है। अधिकांश विक्रेता कर्ज लेकर अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजबूर है। ऐसी स्थिति में जब विक्रेता कर्ज लेकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है तो माह जनवरी 2023 के प्रथम चक्र का खाद्यान्न वितरित करने में विक्रेता अपने आप को असमर्थ महसूस कर रहा है। जिसका असर वितरण कार्य में पड़ सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी के अंतर्गत जिला विपणन अधिकारी की शह पर उनके चहेते ठेकेदारों को शासन के विपरीत निविदा प्रक्रिया में सफल घोषित कर उचित दर विक्रेताओं का शोषण कराया जा रहा है। इन ठेकेदारों द्वारा शासनादेश के विपरीत भारी वाहनों से खाद्यान्न पहुंचाया जा रहा है। जबकि शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि भारी वाहनों के साथ-साथ कुल वाहनों का 25 प्रतिशत हल्के वाहनों से डिलीवरी का कार्य किया जाए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि छोटी गली में जिन कोटेदारों की दुकानें है वहां तक वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। अगर यह अपने वाहनों से राशन लेकर आते हैं तो उन पर अतिरिक्त भार पड़ता है।