बेगूसराय, 27 दिसम्बर। बिहार जाति आधारित गणना का प्रथम चरण सात से 21 जनवरी तक होगा तथा गणना का कार्य 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए डीएम-सह-प्रधान गणना पदाधिकारी की उपस्थिति में दिनकर कला भवन में प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
मौके पर डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा कि बिहार जाति आधारित गणना का समयबद्ध एवं त्रुटिरहित तरीके से सफल क्रियान्वयन जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए आवश्यक है कि सभी स्टेकहोल्डर्स बिहार जाति आधारित गणना के संबंध में प्राप्त अनुदेशों का अक्षरशः पालन करते हुए सजग, तत्पर एवं सतर्क रहकर कार्य का संपादन सुनिश्चित करें।
डीएम ने कहा कि जाति आधारित गणना सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, इसलिए इसकी समयबद्धता, महत्ता एवं अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यों को समय पर एवं सफलतापूर्वक निष्पादन करना आवश्यक है। सभी गणना कर्मियों को अपने उत्तरदायित्व को पूरी लगन और सत्यनिष्ठा से निर्धारित समय अवधि में पूरा करना होगा। गणना कार्य के दौरान प्रत्येक व्यक्ति के साथ आदर और सम्मान से वार्ता कर उनके पूर्ण सहयोग प्राप्त करते हुए गणना कार्यों को सफल बनाएं।
डीएम ने अनुमंडल गणना अधिकारी, चार्ज अधिकारी एवं वरीय प्रभारी पदाधिकारियों आदि की भूमिका तथा उत्तरदायित्वों के साथ ही गणना की बारीकियों को समझाते हुए कहा कि सरकार द्वारा जातियों से संबंधित वास्तविक आंकड़े प्राप्त करने के उद्देश्य से बिहार में निवास करने वाली सभी जातियों की गणना का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार जाति आधारित गणना, दो चरणों में सम्पन्न होगी। प्रथम चरण में मकान सूचीकरण तथा द्वितीय चरण में वास्तविक गणना कार्य किए जाएंगे। मकान गणना कार्य के दौरान सात से 21 जनवरी तक घर-घर जाकर गणना किया जाएगा, ताकि कोई परिवार या घर गणना के कार्य में छूटे नहीं।
जाति आधारित गणना के दौरान राज्य के सभी व्यक्तियों का जाति का गणना किया जाना है, बाहर रहने वाले लोगों की भी गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना की ईकाई ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में वार्ड स्तर पर होगी। यदि वार्ड की जनसंख्या सात सौ या उससे कम होगी तो प्रत्येक वार्ड पर एक गणना ब्लॉक के रूप में निर्धारित किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में एक प्रगणक को दो वार्ड का क्षेत्र नहीं दिया गया है।