नोएडा. उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने के सपने को पंख लगाने के लिए यमुना अथॉरिटी का एक और अहम कदम उठाया है. यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में 1 हजार एकड़ में कोरियन और जापानी (Japanese Korean) सिटी बसाने की योजना बना रही है. 500 एकड़ में कोरियन और 500 एकड़ में जापानी सिटी बसाई जायेगी. इस सिटी की खासियत यह है कि यहां का परिवेश हुबहू जापान और कोरियन सिटी जैसा होगा. धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से सिटी विकसित होगी. 2 महीने में 1190 एकड़ जगह का अधिग्रहण किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में आगामी फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए यमुना अथॉरिटी के सीईओ ने ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और जापान समेत कई जगहों पर रोड शो किया है. इसका असर यह देखने को मिला है कि अच्छा खासा निवेश अब यमुना अथॉरिटी के इलाके में करने के लिए विदेशी कंपनियां इच्छुक हैं. इसके साथ ही साथ जापान और कोरियन कंपनियां यह भी चाहती हैं कि यहां पर उन्हें एक डेडीकेटेड कोरियन और जैपनीज सिटी बसाने को मिले. इसकी खासियत यह है कि सेक्टर 7 जेवर एयरपोर्ट से बेहद नजदीक है. लिहाजा कनेक्टिविटी के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण होगा.
500-500 एकड़ में बसाई जाएगी दोनों सिटी
यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया है कि जेवर एयरपोर्ट से सटा हुआ यमुना अथॉरिटी का सेक्टर 7 इसके लिए चयनित किया गया है, जहां पर जापान और कोरियन देशों से आने वाले इन्वेस्टर अपने इंडस्ट्रीज के साथ-साथ अपने लिए डेडीकेटेड सिटी भी बसा सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस सिटी में इंडस्ट्री, रेजिडेंशियल, ग्रुप हाउसिंग, हॉस्पिटल, स्कूल, मॉल सहित फैसिलिटी की सुविधा रहेगी. उन्होंने बताया है कि मिक्स लैंड यूज के तहत दोनों देशों की सिटी बसेगी. 500-500 एकड़ में जापानीज और कोरियन सिटी यहां पर बसाई जाएगी.
जापान और कोरियन के सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव भारत से पहले से रहा
भारत से जापान और कोरियन के सांकृतिक और धार्मिक जुड़ाव पहले से रहा है. गौतमबुद्धा, मां लक्ष्मी, गणेश भगवान सहित अन्य भगवानों की पूजा दोनों देशों में होती रही है. दोनों देशों की टॉप की बड़े इंवेस्टर से संपर्क में यमुना अथॉरिटी है. उन्होंने बताया कि इस डेडीकेटेड टाउनशिप का 2 महीने के अंदर अधिग्रहण होगा और काम शुरू हो जाएगा. उनके मुताबिक जिस जगह पर यह सिस्टम लागू है वहां पर प्रोडक्शन रेट बहुत ज्यादा होता है. इसीलिए इस फार्मूले को अब उत्तर प्रदेश के जेवर में भी अपनाया जा रहा है.