इस्लामाबाद. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के लिए सिर का दर्द बनता जा रहा है. अब उसने पाकिस्तान की पूरी की पूरी जेल तोड़कर मिलिट्री सेंटर (Malectory Center) पर ही कब्जा कर लिया है. आतंकियों ने यहां तैनात सैन्य अफसरों को भी दो दिन से बंधक बना रखा है.
घटना से जुड़े सूत्र बताते हैं कि तहरीक-ए-तालिबान, अफगान तालिबान से अलग हो चुका आतंकी संगठन है. उन्होंने अधिकारियों को बंधक बनाने के बाद सरकार के सामने अपनी मांगें रखीं, लेकिन उन पर कोई सहमति नहीं बन सकी है. इसलिए अभी भी पाकिस्तान के 8 अफसर टीटीपी के बंधक बने हुए हैं. बताया जा रहा है कि जिन 30 लोगों को पाकिस्तान ने पकड़ा, उन पर आतंक फैलाने का आरोप था. अब जेल तोड़ने के बाद यह आतंकी बिना किसी परेशानी के अफगानिस्तान जाना चाहते हैं. उन्होंने सरकार से कहा है कि वहां जाने के लिए उनका रास्ता साफ कर दे.
आतंकियों ने सरकार से रखी यह मांग
बता दें कि यह घटना पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर हुई है. इस जगह को बानू कहा जाता है. पहले यह पूरा इलाका उजड़ा और एक कबीला हुआ करता था. सूत्र बताते हैं कि जब आतंकियों को पकड़ा गया तब माहौल पूरी तरह ठीक था. पुलिस सभी से पूछताछ कर रही थी. लेकिन, इस बीच आतंकियों ने अचानक पुलिसवालों पर हमला किया और उनकी बंदूकें छीन लीं. उसके बाद उन्होंने वहां अफरा-तफरी मचा दी और अफसरों को बंधक बना लिया.
सरकार-आतंकियों के बीच नहीं बनी सहमति
इस मामले को लेकर अधिकारियों का कहना है कि सरकार और आतंकियों के बीच सहमति नहीं बन सकती है और फिलहाल कुछ अफसर अब भी आतंकियों के पास बंधक हैं. अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों का कहना है कि वह बंधक अफसरों के साथ जमीन या हवाई रास्ते से अफगानिस्ता जाएंगे और वहां दोनों देशों के सीमा के पास इन बंधकों को छोड़ देंगे. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपने अधिकारियों को छुड़ाने के लिए अफगानिस्तान सरकार से मदद मांगी है.