नई दिल्ली। चीन में कोविड (Covid) के फिर से तेजी पकड़ने और लाखों लोगों पर खतरा मंडराने की आशंका के बीच नए-नए डाटा से दुनियाभर में दहशत का माहौल है। वहां पर शोधकेंद्रों (Research Centers) और विशेषज्ञों (Specialists) की टीम से मिल रही जानकारियों से इस पर तत्काल सतर्कता बरतने की जरूरत बताई जा रही है। दूसरी तरफ वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सिएटल (University of Washington, Seattle) ने अनुमान लगाया है कि 2023 के अंत तक एक करोड़ 60 लाख लोगों की कोविड से मौत होने की आशंका है। इनमें से पचास लाख लोगों की जान जाने का खतरा तो अप्रैल तक में ही है।
जिन्हें टीका नहीं लगा है, वे दूसरों के लिए संक्रमण की वजह बन सकते हैं
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (Council on Foreign Relations) में वैश्विक स्वास्थ्य के सीनियर फेलो यानझोंग हुआंग (Yanzhong Huang) के मुताबिक ऐसी आशंका है कि चीन में 16 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और 80 वर्ष से अधिक आयु के अस्सी लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगा है। इनके कोविड की चपेट में आने की आशंका है और इनके माध्यम से संक्रमण (Infection) फैलने का गंभीर खतरा है।
ऐहतियातन प्रतिबंध और Vaccination से राहत की संभावना
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐहतियातन प्रतिबंधों को फिर से लागू करना, टीकाकरण (Vaccination) की तीसरी और चौथी खुराक देने का काम शुरू करना, और जोखिम वाले समूहों के लिए उच्च एंटीवायरल (High Antiviral) दवा देने से कुछ राहत मिलने की संभावना है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक चीन में हालात यह है कि रोजाना औसतन दो सौ लोगों की मौत हो रही है। इसकी वजह से अंतिम संस्कार स्थल पर काम करने वाले कर्मचारियों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इधर भारत में भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी कर दिया है।
दरअसल तीन साल पहले जब कोविड की शुरुआत हुई थी तब यह कहा जा रहा था कि चीन में इसके वायरस तैयार किए गये हैं। इसको लेकर दुनिया भर में विवाद भी हुआ। अब स्थिति यह है कि सबसे ज्यादा पीड़ित चीन के ही लोग हैं।